राजस्थान की इस तकनीक को अपना रहे अफ्रिकी देश

Samachar Jagat | Sunday, 19 Mar 2017 01:33:16 PM
African country adopting this technique of Rajasthan

बांसवाड़ा। राजस्थान के बांसवाड़ा के आदिवासी क्षेत्रों में भूजल स्तर बढ़ाने के लिए सरकार ने वर्षा जल की हर बूंद को संचित करने की एक अनोखी तकनीकी विकसित की है। इससे पैदावार बढ़ाने के लिए जमीन में नमी पैदा होगी। इस तकनीक को देश के कुछ अन्य राज्यों में अपनाया जा रहा है और कुछ अफ्रीकी देशों ने भी इस तकनीक को अपनाने में रुचि दिखाई है।

राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों के जल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। एक सरकारी आंकड़े के अनुसार प्रदेश में 61 प्रतिशत भूमि रेतीली है। लेकिन इस तकनीक से भूजल के माध्यम से लोगों को पीने के लिए 90 प्रतिशत पानी मिल रहा है और 60 फीसदी सिंचाई इसी से की जा रही है।

इससे भूजल का भारी दोहन हो रहा है। आंकड़े के अनुसार प्रदेश में भूजल का सालाना 137 फीसदी दोहन हो रहा है जिससे राज्य में भूजल का स्तर तेजी से गिर रहा है। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के जरिए भूजल स्तर बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है और इस अभियान को अब जन आंदोलन का रूप दिया गया है।

राज्य सरकार का कहना है कि मिशन के तहत चल रहे इस अभियान से अब तक साढ़े तीन हजार गांवों के जल स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और 2019 तक इससे 22 हजार गांवों में भूजल स्तर में सुधार लाया जाएगा। एमजेएसए के माध्यम से बांसवाड़ा के घोड़ी तेजपुर, लोढ़ाखोड़ा और खोरापाड़ा जैसे आदिवासी गांवों में भूजल स्तर बढ़ाने के लिए वर्षा जल की एक एक बूंद का संचयन स्ट्रेगर्ड ट्रेन्चेज विधि के जरिए किया है।

स्ट्रेगर्ड ट्रेन्चेज का मतलब है कि पूरे इलाके में एक निश्चित दूरी पर और अलग अलग लम्बाई में एक नाप की ऊंचाई तथा चौड़ाई में खोदे गए गड्ढों में वर्षा जल को भरना है और उससे भूजल को बढ़ाना है। इन गड्ढों को इस तरह से खोदा गया है कि बारिश के पानी की एक बूंद भी फालतू बहकर बर्बाद नहीं हो और वह सीधे गड्ढों में ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पहुंचे।

गड्ढों में जब ज्यादा पानी होने और पानी बाहर बहने की स्थिति में गहराई वाले स्थान पर तालाब की शक्ल में बड़ा गड्ढा बनाया गया है। बरसात का अतिरिक्त पानी बहकर इस तालाब में जमा होगा और लम्बे समय तक इसमें रहेगा। तालाब और ट्रेन्चेज का पानी सीधे जमीन में चला जाता है, जो जमीन में नमी पैदा करता है और भूजल स्तर बढ़ाने में सहयोग करता है।
वार्ता
 



 

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