जयपुर में हुए चुहिया के गर्भपात की रिसर्च अमेरिका के लिए बनी जिज्ञासा का विषय

Samachar Jagat | Saturday, 18 Mar 2017 04:03:49 PM
Abortion Research on Rat in Jaipur, The topic of curiosity made for America

जयपुर। राजधानी जयपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके चर्चे प्रदेश में ही नहीं बल्कि अमेरिका में भी चल रहे है। अमेरिका के लोगों के लिए ये खबर किसी अचम्भे से कम नहीं है। शायद आपको यह सुनने में अजीब सा लगे लेकिन यह सच है कि जयपुर में हुए एक चुहिया के गर्भपात को लेकर के जर्नल ऑफ अमेरिका के अंक में इस गर्भपात के बारे में लिखा गया है।

वैज्ञानिकों के लिए हमेशा से ही अपने रिसर्च के लिए चुहों का इस्तेमाल करते आए है। वहीं इस बार रेडिएशन को लेकर चुहों पर पडऩे वाले प्रभाव के बारे में अध्ययन किया गया है। यह रिसर्च जयपुर की डॉ. अर्चना शर्मा ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के प्राणीशास्त्री की एचओडी डॉ. रश्मि सिसोदिया के निर्देशन में पूरा किया है।

इस रिसर्च के अनुसार जन्म से पूर्व चूहों के विकास पर 10 गीगाहर्ट्ज माइक्रो रेडिएशन के प्रभाव का परीक्षण किया गया है। इस रिसर्च से यह जानने की कोशिश की है कि क्या जीवों पर भी रेडिएशन का कोई फर्क पड़ता है। इस रिसर्च के बाद डॉ. अर्चना इस निष्कर्ष पर पहुंची कि गर्भ धारण के दौरान चुहिया पर रेडिएशन का बुरा असर पड़ता है।

इस रिसर्च के दौरान चुहियों के गर्भधारण के पहले दिन से 10 गीगाहार्ट्स का माइक्रो रेडिएशन का परीक्षण दिया गया। इस रेडिएशन का असर यह हुआ कि चुहिया के गर्भस्थ जीव पर (11वें दिन से) दुष्प्रभाव पडऩा शुरू हो गया।

वहीं जब चुहियां ने बच्चों को जन्म दिया तो सामने आया कि चुहियां के बच्चों के मस्तिष्क की कोशिकाओं के न्यूरोंस क्षतिग्रस्त हो गए हैं। यही नहीं कई चुहियों में गर्भपात जैसे हालात भी इस रिसर्च के दौरान मिले। इस रिसर्च के बाद ये बात तो साबित हो गई है कि रेडिएशन का प्रभाव सिर्फ इंसानों पर ही नहीं पड़ता बल्कि अन्य जीवों पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।
 



 
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