नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी पत्नी को बुरी तरह पीटने और उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने के लिए लगभग चार साल कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दक्षिणी दिल्ली के निवासी व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दोषी पाया, लेकिन इस तथ्य के मद्देनजर कि उसका बेटा नाबालिग है, उसके प्रति उदार रूख अपनाते हुए उसे केवल तीन साल दस महीने कैद की सजा सुनाई ।
यह अवधि वह पहले ही सलाखों के पीछे गुजार चुका है। पुलिस के मुताबिक आरोपी से महिला की शादी वर्ष 2011 में हुई थी। 18 जनवरी, 2013 को पति ने पत्नी को बुरी तरह पीटा और उसका मानसिक उत्पीडऩ किया जिसके बाद महिला ने अपने दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार ने महिला के सुसाइड नोट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर धारा 498 ए महिला के प्रति कू्ररता और 306 आत्महत्या के लिए उकसाना के तहत दोषी पाया। दोषी को जेल से रिहा कर दिया गया क्योंकि सजा की अवधि वह पहले ही सलाखों के पीछे गुजार चुका है।