जोधपुर। राजस्थान की अत्यधिक सुरक्षायुक्त जोधपुर सेंट्रल जेल जहां आसाराम बंद हैं वहां से कम्बल की रस्सी बनाकर 25 फीट ऊंची दीवार फांदकर भागने के प्रयास में तीन बंदी करंट से झुलस गए। तीनों कैदियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।
दो जनों को महात्मा गांधी अस्पताल व एक बंदी को मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से एक बंदी एनडीपीएस व दो बंदी दुष्कर्म के आरोप में बंद थे। सूत्रों ने बताया कि तीनों बंदी जेल की दीवार फांदने में तो कामयाब हो गए थे लेकिन दीवार पर लगी बिजली की लाइन से कंरट लगने के कारण झुलस गए और मुर्छित हो कर गिर गए। इस दौरान आरएसी जवानों ने तीनों को पकड़ लिया।
सुरक्षा पर सवाल
पुलिस व जेल सूत्रों के अनुसार शाम करीब छह बजे जेल में खाना खाने के लिए बंदियों को बैरक से बाहर निकाला जाता है। इस दौरान बंदी खाना खाकर वापस बैरक में जाते हैं। इस बीच बंदी पाली के दयालपुरा निवासी नेमाराम पुत्र बाबूलाल भाट, राजसमंद निवासी वीरम पुत्र बन्ना सिंह रावत व जिला जालोर गांव धोराढाल निवासी अमृत पुत्र अरिंगाराम सोनी जेल डिस्पेंसरी में चैकअप कराने के बहाने गए।
पहले से प्लानिंग के तहत वहां वे शौचालय में कम्बल की रस्सी बनाकर एक्सरे रूम के ऊपर की दीवार फांद गए। लेकिन 11 केवी की विद्युत लाइन में सप्लाई होने के कारण तीनों उसकी चपेट में आ गए और गंभीर रूप से झुलस गए। तीनों के गिरने की आवाज से आरएसी जवान वहां पहुंचे और तीनों को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया। गंभीर झुलसे बंदी वीरम को देर रात महात्मा गांधी से मथुरादास माथुर अस्पताल में रैफर कर दिया गया।
जेल प्रशासन बंदियों के भागने की घटना की जांच कर रहा है। इस संबंध में जेल अधीक्षक की रिपोर्ट पर रातानाडा थाना पुलिस ने बंदियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। प्रथम दृष्टया जेल प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है। वहीं सूत्रों की माने तो जेल प्रशासन ने घटना की जानकारी पुलिस को तकरीबन दो घंटो बाद दी।