जल्द ही हेल्थ सेक्टर में भी बदलाव आने वाला है। वो बदलाव ये होगा की, एमबीबीएस पास कर डॉक्टर बन चुके कैंडिडेट्स को भी देनी होगी परीक्षा खुद को डॉक्टर लायक डॉक्टर साबित करने के लिए। इस नियम को लेन के पीछे सरकार का मकसद फ़र्ज़ी डॉक्टरों को देश से हटाना। इसके लिए सरकार ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से अपने विचार देने को कहा है।
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सेंट्रल गर्वमेंट हेल्थ स्क्रीम यानी CGHS और इंप्लाइज स्टेट इंश्योरेंस हॉस्पिटल्स में सबसे पहले ये एग्जाम देना बाध्य किया जाएगा। एक बार सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो हेल्थ सेक्टर में जल्द ही बड़े स्तर पर बदलाव होने जा रहे हैं, जिन पर अंतिम मुहर केंद्रीय मंत्रीमंडल की लगेगी।
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यह भी कहा जा रहा है कि एक कठोर कदम यह उठाया जा सकता है कि छात्रों के खराब परफामेंस के आधार पर किसी भी सरकारी या प्राइवेट कॉलेज की वैधता रद्द हो सकती है। गौरतलब है कि अगले साल के आरंभ से स्वास्थ्य मंत्रालय एक राष्ट्रीय प्रमाणन बॉडी का गठन करेगा, जो प्रावइेट और सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सक्षमता को समय-समय पर जांचेगा और सरकार को अपनी रिपोर्ट देगा।
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