स्कूल बसों में इन्टरनेट जैमर लगवाने की बात की जा रही है सरकार द्वारा। जिसकी जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल है। आजकल स्कूल बसों में जमकर 'पोर्न' फिल्मे देखी जा रही है, दरअसल स्कूल बस कर्मचारी बसों में पोर्नोग्राफिक मटेरियल एक दूसरे से शेयर करते है, जिससे बच्चों के यौन उत्पीडन की घटना बढ़ने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
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इसकी याचिका दायर करने वाले की माने तो, 'स्कूल के अंदर इंटरनेट जैमर लगाना उचित नहीं होगा क्योंकि इससे स्टूडेंट्स स्कूल में कंप्यूटर का प्रयोग नहीं कर पाएंगे. लेकिन स्कूल बस के ड्राइवर्स और हेल्पर्स मोबाइल पर ये सब न देख पाएं, इसके लिए बसों में जैमर लगाया जाना आवश्यक है। '
साथ ही सुप्रीम कोर्ट वोमन लॉयर ने कहा की, 'पोर्न साइट्स फ्री होने ही नहीं चाहिए और जो देखने के लिए उतावले हैं उन्हें इसे देखने के लिए भारी रकम अदा करनी चाहिए। '
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रिपोर्ट बताती है की करोड़ो भारतीय अपने मोबाइल फ़ोन्स में पोर्न देखते है, क्योंकि ये मैटेरियल्स इन्टरनेट पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है। लेकिन इन्टरनेट कंपनियों का कहना है की, सरे पोर्न साइट्स ब्लॉक करना असम्भव है।
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