नौकरी के साथ साथ करे IAS एग्जाम की तैयारी

Samachar Jagat | Thursday, 24 Nov 2016 12:49:46 PM
IAS preparation

ये तो हमे अच्छे से पता है, की आईएएस में सफल होना बेहद कठिन है, और अगर आप फुल टाइम जॉब कर रहे हो तो और मुश्किल है।  फुल टाइम होने के साथ साथ आपको प्रॉब्लम आती है। आईएएस की तैयारी करने वाले छात्र करीब हर रोज 18 घण्टे तक पढ़ते है।  लेकिन जॉब करने वाले स्टूडेंट्स सिर्फ 3-4 घण्टे ही पढ़ पाते है। अगर आपको ये लगता है, की आप की कोई तैयारी नही हो पा रही तो आप निराश मत हो। हम आपको बताएंगे की कैसे आप काम करते हुए भी आईएएस की तैयारी करे। ये कुछ टिप्स आपके लिए है। 

ऑफिस में आ रहे चैलेंज का यूं करे सामना

- हर सैकंड महत्वपूर्ण है -
आईएएस बनने की इच्छा रखने वाले के लिए उपलब्ध संसाधनों में समय सबसे कीमती और दुर्लभ संसाधन होता है। कामकाजी पेशेवरों के लिए जो दुनिया के सबसे प्रतिस्पर्धी प्रतियोगी परीक्षा में सफल होना चाहते हैं, यह कथन और अधिक सच हो जाता है। इसलिए फुल– टाइम जॉब करने वाले व्यक्ति के लिए उपलब्ध समय का अधिकतम उपयोग करना महत्वपूर्ण है। मानक काम के घंटे के तौर पर यदि शिफ्ट 8 घंटे का मानें तो आईएएस की परीक्षा की तैयारी के लिए आप  3-4 घंटे से अधिक का समय नहीं निकाल पाएंगे। 

- सिलेक्टेड टॉपिक्स ही पढ़े -
हमने समय की सीमित उपलब्धता पर पहले ही काफी जोर दिया है और जब बात कामकाजी पेशेवरों के आईएएस की तैयारी की आती है तो कम समय में तैयारी करना वाकई बहुत मुश्किल हो जाता है। एक तरीका है जिससे आप इस खामी को खूबी में बदल सकते हैं– चुनींदा अध्ययन कर। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का सिलेबस बहुत जटिल है और पूरा समय लगाकर आईएएस की तैयारी में जुटे छात्रों को भी सिलेबस को पूरा कवर करने में मुश्किल होती है। इसलिए, चुनींदा अध्ययन करना आपके लिए बुद्धिमत्तापूर्ण होगा। चुनींदा अध्ययन का मतलब है, आईएएस के पूरे सिलेबस का विश्लेषण करना।

 बुक लेकर घण्टो ना बैठे रहे -
हमने इस बात पर पहले ही चर्चा कर ली है कि कामकाजी पेशेवर के तौर पर आईएएस परीक्षा की तैयारी के लिए आप अलग से समय निकालने में सक्षम नहीं हो पाएंगे। इसलिए आपको अपने अध्ययन सत्रों की योजना बहुत सावधानी से बनानी होगी।

फ्रेशर्स के लिए वेकैंसी करुर बैंक में 

- केवल इन्टरनेट के भरोसे ना रहे -
बात जब आईएएस की तैयारी की हो तो इंटरनेट निश्चित रूप से आपका सहयोगी बन जाता है। लेकिन यदि आप मेहनत नहीं करते तो यह आपका सबसे बड़ा दुश्मन भी हो सकता है। ज्यादातर मामलों में इंटरनेट पर इस्तेमाल होने वाले रूप में शब्दों का 'मुंहजबानी' याद होना बहुतों  के लिए लाभदायक हो सकता है लेकिन आईएएस की तैयारी में सिलेबस में आने वाले सभी विषयों के लिए  फोकस्ड अप्रोच की जरूरत होती है।
दूसरी तरफ, अखबार और पत्रिकाएं विस्तृत संपादकीय प्रक्रिया से गुजरती हैं और उनमें सिर्फ सार्थक और महत्वपूर्ण लेख और कहानियां ही प्रकाशित की जाती हैं। वास्तव में हिन्दू जैसे अखबार और योजना या ईपीडब्ल्यू जैसी पत्रिकाएं इन्हीं कारणों की वजह से आईएएस अभ्यर्थियों के बीच अच्छी पैठ बना चुकी हैं।

- अपना घर ऑफिस के करीब ही रखे -
वास्तव में यह बहुत अच्छी सलाह नहीं है लेकिन निश्चित रूप से व्यावहारिक है क्योंकि इससे आपको आईएएस की तैयारी के लिए अधिक समय मिल जाएगा। काम करने के स्थान यानि ऑफिस के पास घर रखने से आपके ऑफिस आने– जाने में लगने वाला समय बचेगा जिसका उपयोग आप आईएएस परीक्षा के लिए पढ़ाई में कर सकेंगे। 

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