कलम के सिपाही कहा जाता है ,मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद को ,जिनका जन्म 11 नवम्बर 1888 को हुआ था। वे एक स्वतंत्रता सेनानी थे साथ ही एक तेज तर्रार पत्रकार भी। उन्होंने उर्दू में महारथ हासिल की थी, साथ ही कई उर्दू में कविताये भी लिखे है। तभी इनको लोगो ने कलम के सिपाही कहना शुरू कर दिया। आइये जानते है उनके ज़िन्दगी के कुछ लम्हो को -
RBI में वेकैंसी, 28 नवम्बर तक कर सकते है अप्लाई
-. आजाद साहब पाकिस्तान बनाए जाने का विरोध करने वाले सबसे बड़े मुस्लिम नेता थे।
- मौलाना साहब स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने।
-. उनकी जयंती राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रुप में मनाई जाती है।
- की उम्र में गए थे मिलिट्री अकादमी, जानें 45वें मिस्टर प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के बारे में सबकुछ।
प्रकाश जावेडकर का इशारा, अगले साल से शुरू हो सकती है 10वीं की बोर्ड परीक्षा
- मौलाना आजाद 35 साल की उम्र में इंडियन नेशनल कांग्रेस के सबसे नौजवान अध्यक्ष बने।
- आजाद साहब ने भारत रत्न लेने से मना कर दिया था. बाद में 1992 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया।
- आजाद साहब ने कहा था, मैं उस अखंडता का हिस्सा हूं, जिसे भारतीय राष्ट्रवाद कहा जाता है।
read more :
अब सेक्स के लिए नहीं होगी प्रीकॉशन की जरूरत... न सताएगा प्रेगनेंसी का डर
Read also: कुछ ऐसे बनाएं अपनी शादी को यादगार...
जाने! लड़को की पहली पसन्द 'Bad Girls' क्यूँ होती है....