अप्रैल की शुरुआत में हर सेकेंडरी स्कूल में अंग्रेजी पढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग की एक उच्चस्तरीय कमिटी ने पीएम को सिफारिश भेजी है। अंग्रेजी और साइंस को बढ़ावा देने के लिए एजुकेशन एंड सोशल डेवलपमेंट कमिटी ने छठी कक्षा से आगे की कक्षाओं के लिए अंग्रेजी को अनिवार्य बनाने का सोच रहे है।
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शिक्षा विभाग के दल ने ये सिफारिश राज्य सरकारों से चर्चा के बाद की है। अभी तक अंग्रेजी सिर्फ सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में पहले आठ साल तक अनिवार्य है।
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हलाकि पिछले साल अक्टूबर में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को आरएसएस अधिकृत शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने अंग्रेजी को किसी भी स्तर पर अनिवार्य नहीं होना चाहिए, ये सुझाव दिया था।
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