नो डेटेंशन के क्लॉज़ के हिसाब से राईट टू एजुकेशन में छठी क्लास के संसोधन को लेकर संट्रल एडवाइजरी बोर्ड फॉर एजुकेशन (CABE) और कौंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेशन एग्जाम (ICSE) के बीच ठन गई है। क्लास ५थ से पास फेल का सिस्टम पहले जैसा ही किया जाये ऐसा CABE चाहता है। वहीं ICSE डिटेंशन पॉलिसी के पक्ष में है और इस कोशिश में है कि 6-10वीं के छात्रों को मूल्यांकन प्रक्रिया जारी रहे।
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ICSE बोर्ड के मुख्य सचिव गेरी अराथून का कहना है कि CABE की सिफारिशों को संसद द्वारा शिक्षा के अधिकार ऐक्ट 2009 में संशोधन के बाद काउंसिल के सामने रखा जाएगा। काउंसिल क्लास 6 से डिटेंशन पॉलिसी दोबारा शुरू करने की सलाह देगी। अगर इस बारे में राष्ट्रीय नीति बनेगी, तो देश के सभी स्कूलों में यह लागू होगी।
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उन्होंने आगे कहा, 'अगर एक राज्य की सरकार नो-डिटेंशन पॉलिसी चाहती है और दूसरी नहीं, तो CISCE के तहत आने वाले सभी स्कूलों में समानता नहीं रहेगी।'