अमेरिका से प्रभावित होकर भारत अब एक और प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। जानकारी के अनुसार अमेरिका के स्कूलों में परीक्षा के मध्य में डायबिटिक स्टूडेंट्स को लंच ब्रेक की प्रथा शुरू से ही है। इस प्रथा से प्रभावित होकर भारत में भी इसको शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
इसके मुताबिक अब सीबीएसई द्वारा संचालित 10वीं और 12वीं परीक्षा में उन स्टूडेंट्स को जिनको डायबिटिज है, उनको एग्जाम के मध्य में खाने के लिए ब्रेक दिया जायेगा। इसके अंतर्गत परीक्षा के 1 घंटे या 90 मिनट के बाद डायबिटिक स्टूडेंट्स को खाने का समय दिया जाएगा। इस प्रक्रिया को शुरू करने से सम्बन्धित जानकारी सीबीएसई जल्द ही देगा।
इस प्रक्रिया को शुरू करने का कारण यह है की टाइप 1 डायबिटिक मरीज को अपना शुगर लेवल संतुलित करने के लिए इंसूलिन की जरुरत होती है। इसी कारण उनके लिए ज्यादा देर तक बिना खाये पिए बिना रहना खतरनाक साबित हो सकता है।
सीबीएसई के अध्यक्ष, आर के चतुर्वेदी ने जानकारी दी है कि इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए काम शुरू हो चूका है। आने वाले हफ्ते में ही इससे सम्बंधित सर्कुलर जारी कर दिया जायेगा। इस प्रक्रिया को शुरू करने के पीछे सबसे महत्वपूर्ण प्रयास दिल्ली डायबिटिक्स रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक का रहा। क्योकि इन्होंने सीबीएसई को इस जानकारी से अवगत कराया।
जिन स्टूडेंट्स के डायबटीज रोग होता है उन स्टूडेंट्स को सुबह 8 बजे तक इंसुलिन लेना होता है। गौरतलब है की बोर्ड की परीक्षाएं 10 बजे से शुरू होती है और डॉक्टर्स के मुताबिक 11 बजे से छात्र का शुगर लेवल निचे गिरने लग जाता है।
भारत में 4 लाख स्टूडेंट्स डायबिटिक हैं, लगभग 14000 स्टूडेंट्स एनसीआर क्षेत्र में रहते है। इसलिए उनकी जानकारी से प्रभावित होकर सीबीएसई ने डायबिटिक स्टूडेंट्स को परीक्षा के मध्य में लंच करने की इस प्रक्रिया को शुरू करने का कदम उठाया है।