पूर्वोत्तर में युवाओं को आंत्रप्रेन्योर बनने की ट्रेनिंग देकर 15,000 नौकरियां पैदा करने वाले शख्स को 'सोशल आंत्रप्रेन्योर ऑफ दि इयर' अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान श्वाब फाउंडेशन फॉर सोशल आंत्रप्रेन्योरशिप की ओर से दिया गया। यह संस्था जुबलेन्ट भारतीय फाउंडेशन के साथ पार्टनरशिप में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के साथ काम करती है।
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अवॉर्ड जीतने वाले निशूट दुओलो, नागालेंड के बैप्टिस्ट कॉलेज में इकनॉमिक्स के लेक्चरर रह चुके हैं। साल 2000 में अपनी सुरक्षित नौकरी को छोड़कर, दुओलो ने आंत्रप्रेन्योर्स असोसिएट्स (EA) की शुरुआत की। इसके तहत उन्होंने उग्रवाद प्रभावित नागालैंड के युवाओं को बेसिक स्किल्स की ट्रेनिंग दी, साथ ही छोटे धंधे शुरू करने के लिए उन्हें आर्थिक मदद और मार्केटिंग नेटवर्क भी उपलब्ध करवाया।
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1992 के बाद से यह उनका दूसरा प्रयास था। 1992 में उन्होंने युवाओं को प्रेरित करने के लिए 'बीकन ऑफ होप' नाम की संस्था बनाई थी। हालांकि उनका दुओलो का प्रयास सफल नहीं रहा और वह पढ़ाने की नौकरी करने लगे।
दुओलो ने कहा, 'जब हमने शुरुआत की थी, हम 13 लोग थे जिन्होंने 500 रुपए और एक दिन की पगार शुरुआती राशि के लिए दान की। इस तरह हमने 7,500 रुपये की प्रारंभिक पूजी के साथ अपने सफर की शुरुआत की। हमने ग्रीटिंग कार्ड्स बनाने के काम से शरू किया, लेदर बेल्ट और बैग बेचे, जिसकी मदद से हमें कुछ लाख रुपए मिले।'
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