वर्ल्ड इकोनॉमी में सुधार, लेकिन ‘अप्रत्याशित घटना’ को लेकर चिंता

Samachar Jagat | Saturday, 21 Jan 2017 01:05:21 PM
World economy improves but force majeure concerns

दावोस। दावोस में दुनिया भर में धनी और ताकतवर हस्तियों की बैठक के अंतिम दिन अर्थ जगत के दिग्गजों ने माना कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है हालांकि इसका मुख्य कारण आंतरिक कारक है। साथ ही उन्होंने विभिन्न देशों में चुनावों के बाद ‘अप्रत्याशित घटनाओं’ को लेकर आगाह किया।

विश्व आर्थिक मंच की सलाना बैठक के अंतिम दिन वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर चर्चा के दौरान उन्होंने यह भी उम्मीद जतायी कि ‘वाशिंगटन में क्रांति’ उतनी बुरी नहीं होगी जितनी आशंका जतायी जा रही है। ‘वॉशिंगटन में क्रांति’ से आशय डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति का पदभार संभालने से है।

कुछ प्रमुख यूरोपीय देशों तथा अन्य जगहों पर चुनावों का जिक्र करते हुए आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा, ‘कर मोर्चे, वित्तीय नियमन तथा व्यापार के मामले में अगर सभी देशों के बीच होड़ होने लगे तो इसके घातक परिणाम होंगे और वह मेरे लिये ‘अप्रत्याशित घटना’ होगी।’ 

उन्होंने कहा कि अगर वृद्धि समावेशी नहीं है तो वह टिकाउ नहीं होगी और दुनिया को असमानता के बड़े मुद्दे को देखने की जरूरत होगी जो वृद्धि को चुनौती दे सकता है। हालांकि बैंक आफ जापान के गवर्नर हारूहिको कुरोदा ने उम्मीद जताते हुए कहा कि मजबूती भी देखने को मिल सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अच्छे पहलू देखने को मिल सकती है और अंतत: संरक्षण की ओर लौटने का कोई कारण नहीं है।

किस्टीन लेगार्ड ने कहा कि विकसित देशों खासकर यूरो क्षेत्र तथा जापान के बारे में जो आशंका जतायी गयी थी, उसके विपरीत वे अपेक्षाकृत अच्छा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के लिये सवाल यह है कि डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों के साथ कैसे राजकोषीय प्रोत्साहन काम करेगा। ब्रिटेन के वित्त मंत्री फिलीप हामोंद ने कहा कि यूरोपीय संघ ब्रिटेन का सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी बना रह सकता है और उसकी सफलता ब्रिटेन की भी सफलता होगी।

जर्मनी के वित्त मंत्री वोल्फ शउबेल ने कहा कि यूरोप को अधिक प्रतिस्पर्धी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस साल जर्मन अर्थव्यवस्था आतंरिक उपभोक्ता मांग से परिचालित होगी और इसीलिए उसमें भू-राजनीतिक जोखिम के खिलाफ मजबूती है। वहीं वैश्वीकरण के भविष्य को लेकर जारी बहस के बीच विश्व व्यापार संगठन (WTO) व भारत सहित विभिन्न देशों के व्यापार मंत्रियों ने वैश्विक स्तर पर और अधिक संलिप्तता तथा समावेशी वृद्धि पर जोर दिया। इन नेताओं ने व्यापार बाधाएं खड़ी किए बिना ही बेहतर घरेलू नीतियों की बात की। इस आशय की एक परिचर्चा में वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन, चीन के उप वाणिज्य मंत्री शोउवेन वांग ने भी भाग लिया।                  - भाषा



 

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