नई दिल्ली। यूनाटेड बैंक ऑफ इंडिया को सितंबर तिमाही में वसूली में फंसे ऋणों के लिए उंचे पूंजीगत प्रावधान करने के कारण मात्र 43.53 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ। यह एक साल पहले इसी तिमाही के लाभ की तुलना में 29.6 प्रतिशत कम है। वर्ष 2015-16 में बैंक ने 61.86 करोड़ रुपए का लाभ दिखाया था।
आलोच्य अवधि में इसकी आय भी 1.2 प्रतिशत घट कर 2,893.31 करोड़ रुपए रही। एक साल पहले इसी दौरान आय 2,927.19 रुपए थी।
बैंक द्वारा आज दी गई रपट के अनुसार सितंबर के अंत में उसकी सकल एनपीए और शुद्ध एनपीए रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों के अनुसार क्रमश 82 प्रतिशत और 95 प्रतिशत उछल गईं जिसके कारण बैंक को उंचा पूंजी प्रावधान करना पड़ा।
सकल एनपीए यानी अवरद्ध आस्तियां ऋण बढ़ कर सकल ऋण के 16.26 प्रतिशत के बराबर पहुंच गईं। जबकि एक साल पहले यह अनुपात 8.90 प्रतिशत था।
सकल एनपीए राशि के हिसाब से एक साल पहले के 6,112.21 करोड़ रुपए की तुलना में 11,134.47 करोड़ रुपए थी। इस बार शुद्ध एनपीए 7,185.23 करोड़ रुपए शुद्ध ऋण की 11.19 प्रतिशत रही, जो पिछले साल 5.61 प्रतिशत 3,677.37 करोड़ रुपए थी।
इस दौरान एनपीए के लिए उसका प्रावधान एक साल पहले के 163.10 करोड़ रुपए की तुलना में बढ कर 401.03 करोड़ रुपए हो गया।