मुंबई। राजधानी दिल्ली पर छाई धुंए की चादर को लेकर इस समय छिड़ी बहस के बीच केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज तेल कंपनियों पर तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि ये कंपनियां अपनी जिम्मेदारी पूरी न कर पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा रही हैं।
गडकरी ने तेल कंपनियों से अपील की कि वे पारिस्थिकी को बचाने में अपनी जिम्मेदारी पूरी करें।
उन्होंने यहां मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के कार्यक्रम में कहा, ‘‘ इन कंपनियों के पास काफी पैसा है और यही वे इकाइयां हैं जो सबसे ज्यादा प्रदूषण कर रही हैं। देश के प्रदूषण में इनका बड़ा हाथ है। ’’
उन्होंने तेल कंपनियों से पर्यावरण संरक्षण में योगदान करने का आग्रह किया। गडकरी ने इंडियन ऑयल कार्पोरेशन का उदाहरण देते हुए कहा कि इस कंपनी ने यमुना के किनारे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ ये कंपनियां अपनी दुकान बंद करें और जैव.इंधन का रख करें।’’ स्रोताओं ने सरकारी क्षेत्र की तीन बड़ी तेल विपणन कंपनियों.. हिन्दुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल के बड़े अधिकारी मौजूद थे।
गडकरी ने इस बात पर खेद जताया कि घरेलू कार कंपनियां अभी यूरो.छह मानक के इंजन नहीं बना पाई हैं जो कम प्रदूषण फैलाते हैं। लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इसके लिए अप्रैल 2020 तक की समयसीमा को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। गौरतलब है कि गडकरी के पास बंदरगाह और जहाजरानी के साथ साथ भूतल परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है।
गडकरी ने कहा, ‘‘ प्रदूषण हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या है। ’’
उन्होंने सडक़ों पर गाडिय़ों की बढ़ती संख्या के प्रति भी निराशा का इजहार किया और रेल नेटवर्क को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।