नई दिल्ली। आज शाम सीएसओ वित्त वर्ष 2017 के ग्रोथ अनुमान के आंकड़े जारी करेगा। सीएसओ के अनुमान में 8 नवंबर के बाद का नोटबंदी का असर शामिल नहीं होगा। इस अनुमान में अक्टूबर तक की साफ तस्वीर होगी। इस अनुमान में ग्रोथ 7.6 प्रतिशत से घटकर 6.8 प्रतिशत रहने की आशंका है। सीएसओ की तरफ से 7.3-7.5 प्रतिशत का अनुमान जारी हो सकता है।
यह अनुमान एचएसबीसी की एक रिपोर्ट में लगाया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि नोटबंदी के बाद विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में सुस्ती से जीडीपी दर पर नकारात्मक प्रभाव होगा।
एचएसबीसी के रिसर्च नोट में कहा गया है कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी दर पांच फीसदी पर आएगी। जबकि, यह जनवरी-मार्च तिमाही में छह फीसदी रहेगी। यह नोटबंदी से पहले के हमारे अनुमान से करीब दो फीसदी कम है।
नोट में यह भी कहा गया है कि मार्च तिमाही के बाद यह धीरे-धीरे सामान्य हो जाएगा और फिर यह दर सात फीसदी के करीब पहुंच जाएगी। लेकिन 7.5 प्रतिशत से आठ फीसदी के दायरे में नहीं पहुंच पाएगी। ऐसा इसलिए क्यों कि कारोबार और उपभोक्ताओं को समायोजन की लागत को झेलना होगा।
एचएसबीसी ने निवेश कम रहने के बीच अनुमान लगाया है कि आरबीआई फरवरी महीने की मीटिंग में 25 बीपीएस रेट कम करने का प्रस्ताव पास करेगा। 8 फरवरी को रिजर्व बैंक अपनी मॉनेट्री पॉलिसी में बदलाव पर विचार करने के लिए मीटिंग करने वाला है।
आरबीआई ने इंटरेस्ट रेट कम करने की मांग के बावजूद 7 दिसंबर को इनमें कोई बदलाव नहीं किया था। इस दौरान आरबीआई ने इकोनॉमिक ग्रोथ प्रोजेक्शन को भी आधा फीसदी घटाकर 7.1 प्रतिशत किया था।