वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद आश्वस्त हैं दुनिया के धनकुबेर

Samachar Jagat | Wednesday, 17 May 2017 01:49:19 PM
the world wealthy people are convinced Despite the global upheaval

लंदन। उत्तर कोरिया के साथ जारी तनातनी, सीरिया को लेकर रूस और अमेरिका के बीच शुरू आरोप -प्रत्यारोपों के दौर तथा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अस्पष्ट विदेश, आर्थिक और राजनीतिक नीतियों से निवेशकों में मचे हडक़ंप के बावजूद दुनियाभर के धनाढ्य अपने-अपने कारोबार को लेकर बेफ्रिक हैं।

यूबीएस वेल्थ मैनेजमेंट की आज जारी सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक धनकुबेरों को यह भरोसा है कि वैश्विक पटल पर छायी आर्थिक, राजनीतिक और वित्तीय धुंध से वे अपने कारोबार को बिना किसी नुकसान के बचाकर निकाल ले जाएंगे। 

हांगकांग, जापान, सिंगापुर, ब्रिटेन, इटली और स्विट्ज़रलैंड में 10 लाख डॉलर से अधिक संपत्ति के 2,842 अमीरों के सर्वेक्षण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। सर्वेक्षण में शामिल 82 प्रतिशत अमीरों का कहना था कि यह इतिहास का सबसे अनिश्चित दौर है। 

एक चौथाई से ज्यादा प्रतिभागियों ने अपने-अपने निवेश की समीक्षा करनी शुरू कर दी है और करीब 50 फीसदी का कहना है कि वे भी अपने निवेशों की समीक्षा करना चाहते हैं, हालांकि अभी उन्होंने ऐसा करना शुरू नहीं किया है। सर्वेक्षण के करीब 77 फीसदी प्रतिभागियों का मानना है कि वे इस अनिश्चितताओं से भरे इस दौर में भी वित्तीय जोखिमों का सही आकलन कर सकते हैं। 

करीब 51 फीसदी धनकुबेरों को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में उनकी वित्तीय स्थिति में और सुधार होगा जबकि 13 प्रतिशत को अपनी स्थिति के डांवाडोल होने की आशंका है। सर्वेक्षण में शामिल 57 प्रतिशत प्रतिभागी अपने दीर्घावधि लक्ष्यों की पूर्ति को लेकर आश्वस्त हैं जबकि 11 प्रतिशत निराश हैं। आश्चर्यजनक रूप से 86 प्रतिशत धनाढ्य महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय अपनी सूझबूझ पर भरोसा करते हैं। अधिकतर लोगों का मानना है कि वे वैश्विक उथलपुथल के बीच बिना किसी क्षति के अपने कारोबार को बचा लेंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकतर अमीरों ने आर्थिक और वित्तीय जोखिम को सबसे अधिक चिंता का विषय बताया है और वे कॉरपोरेट और वित्तीय प्रणाली के प्रति आशंकाग्रस्त हैं लेकिन वे फिर भी भविष्य के प्रति आश्वस्त हैं। 

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 68 प्रतिशत प्रतिभागी निवेश के निर्णय लेते समय सूचना के अतिप्रवाह से परेशान होते हैं और करीब 72 फीसदी का कहना है कि आर्थिक योजना बनाते समय वे थोड़ी देर के लिए भटक जाते हैं। 

18 से 34 साल के आयुवर्ग के धनकुबेरों का 50 फीसदी हिस्सा वित्तीय संकट के बाद जोखिम उठाने में कम दिलचस्पी ले रहा है जबकि 65 से अधिक उम्र के अमीरों का मात्र 30 फीसदी हिस्सा ऐसा करता है। 
 



 

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