नई दिल्ली। एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक समेत कुछ निजी बैंकों के बाद अब सरकारी क्षेत्र के एसबीआई ने भी एटीएम और ब्रांच से नकदी निकालने को लेकर नए नियम लागू कर दिए हैं।
ये नियम बैंकों के छोटे ग्रहकों को खासे भारी पड़ सकते हैं क्योंकि इसके मुताबिक जिन ग्रहकों के बचत खाते में औसतन 25 हजार रुपए प्रति माह रहेगा, उन्हें बैंक की ब्रांच से सिर्फ दो बार ही नकदी निकालने की छूट होगी। इसके बाद वे जितनी बार शाखा जाएंगे, उन्हें 50 रुपए व सेवा कर देना होगा। हां, अगर आपके बचत खाते में एक लाख रुपए से ज्यादा की राशि है तो आप शाखा से अपनी मर्जी के मुताबिक जितनी बार चाहे नकदी निकाल सकेंगे।
बैंक का कहना है कि यह काम उसने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए किया है लेकिन कई लोगों को इस नये नियमों से खासी असुविधा हो सकती है। लेकिन ज्यादातर ग्रहकों के लिए अधिकांश सीमा पर्याप्त प्रतीत होती हैं। एसबीआइ के नियम एटीएम से पैसा निकालने वालों के साथ ही इंटरनेट या मोबाइल बैंकिंग का फायदा उठाने वालों को भी भारी पड़ेगा। मसलन, अगर महीने में औसतन 1000 रुपए ही बैंक खाते में जमा रहते है तो इंटरनेट या मोबाइल बैंकिंग सिर्फ 20 बार करने का मौका मिलेगा।
अगर 1000 से 25 हजार रुपए के बीच में बैंक खाते में पैसा है तो 40 बार यह मौका मिलेगा। लेकिन 25 हजार रुपए से ज्यादा की राशि बचत खाते में है तो अनगिनत बार डिजिटल ट्रांजैक्शन कर सकेंगे। वैसे 25-50 हजार रुपए की राशि वालों को बैंक शाखा 10 बार और 50 हजार से एक लाख रुपए वाले ग्रहकों को 15 बार बैंक शाखा जाकर बिना कोई शुल्क दिए नकदी निकालने की छूट होगी।
एटीएम के मामले में एसबीआई ने नियमों में बहुत बदलाव नहीं किए हैं। मासिक बैलेंस 25 हजार रुपए तक होने पर एसबीआई व उसके सहयोगी बैंकों में पांच बार पैसा निकालने या राशि की जानकारी लेने के लिए कोई फीस नहीं देनी होगी। इसके बाद उसे 10 रुपए प्रति निकासी पर और पांच रुपए अन्य किस्म के ट्रांजैक्शन पर देने होंगे।
जबकि दूसरे बैंकों के एटीएम से तीन से पांच बार बगैर कोई फीस दिए नकदी निकालने की छूट होगी। इस सीमा के बाद एसबीआई ग्रहकों को 20 रुपए प्रति लेनदेन के हिसाब से देना होगा।
बैलेंस आदि चेक करने पर भी 8 रुपए की फीस लगेगी। साथ ही सेवा कर भी लगेगा। निजी बैंकों के मुकाबले एसबीआई ने बहुत कम शुल्क लगाए हैं।