नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने वित्त विधेयक 2017 मेंं नकद लेन-देन सीमा घटाकर 2 लाख रपये करने समेत कुल 40 संशोधनों के प्रस्ताव लोक सभा में पेश किए। विपक्षी दलों ने सरकार की तरफ से इतनी अधिक संख्या में संशोधन पेश किए जाने का विरोध किया।
नकद लेन-देन की सीमा 3 लाख रपये से घटाकर 2 लाख रपये करने का प्रस्ताव। पहली फरवरी को पेश बजट में यह सीमा 3 लाख रपये रखने का प्रस्ताव किया गया था। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने ट्वीट किया कि इस प्रावधान का उल्लंघन करने पर उतनी ही राशि का जुर्माना वसूला जाएगा।
कंपनी कानून, कर्मचारी भविष्य निधि कानून, तस्करी और विदेशी विनिमय कानून, ट्राई कानून और सूचना प्रौद्योगिकी कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि राजनीतिक चंदे को साफ-सुथरा बनाने के लिये निर्वाचन बांड का प्रस्ताव किया गया है क्योंकि काफी सारा धन अज्ञात स्रोत से आता है।
जेटली ने कहा कि मौजूदा जन प्रतिनिधि कानून के तहत 20,000 रपये से अधिक चंदा देने पर व्यक्ति की पहचान उजागर करने की आवश्यकता होती है। संशोधन के तहत अगर धन निर्वाचन बांड के जरिये आता है, पहचान का खुलासा नहीं किया जाएगा। कंपनियों द्वारा निर्वाचन ट्रस्ट को दिया गया चंदा केवल चैक, ड्राफ्ट या इलेक्ट्रानिक हस्तांतरण के लिये किया जाएगा।
एचएसबीसी और लीसटेंसटाइन बैंकों में धन रखने वाले जिन लोगों के नाम आयें, उनके खिलाफ जांच पूरी। कुल 15,000 करोड़ रपये के कालाधन का अनुमान। पैन के लिये आवेदन के साथ आयकर रिटर्न भरने में आधार का जिक्र करना एक जुलाई से अनिवार्य। -(एजेंसी)