नई दिल्ली। सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक एसबीआई से खातों में न्यूनतम राशि नहीं रखने पर जुर्माना लगाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। एसबीआई आगामी एक अप्रैल से बचत खातों में न्यूनतम राशि की अनिवार्यता में कई गुना बढ़ोतरी करने जा रहा है। इससे बैंक के करीब 31 करोड़ बचत बैंक खाता धारक प्रभावित होंगे।
एक सूत्र ने बताया कि एसबीआई से कहा गया है कि वह एक सीमा से अधिक पर नकद लेनदेन तथा एटीएम से निकासी पर लगाए जाने वाले शुल्कों के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करे। देश के सबसे बड़े बैंक ने आगामी एक अप्रैल से बचत बैंक खातों में न्यूनतम औसत राशि एमएबी नहीं रखने पर 20 से 100 रपये तक जुर्माना लगाने की घोषणा की है। चालू खाते के मामले में यह जुर्माना 500 रपये तक होगा। एमएबी के उल्लंघन के मामले में जुर्माना लगाने का प्रावधान पांच साल बाद फिर लागू किया जा रहा है।
बैंक ने बचत खातों में न्यूनतम राशि रखने की सीमा को भी कई गुना बढ़ा दिया है। छह महानगरों में न्यूनतम राशि रखने की सीमा 5,000 रपये होगी। एसबीआई ने अपनी शाखाओं तथा एटीएम से नकदी निकासी की सीमा पर भी अंकुश लगाया है। एक सीमा के बाद इन पर शुल्क लिया जाएगा।
सूत्र ने बताया कि एसबीआई से न्यूनतम राशि न होने पर जुर्माना लगाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। इसके अलावा सरकार ने एसबीआई तथा निजी क्षेत्र सहित अन्य बैंकों से भी एक सीमा से अधिक बार नकद लेनदेन और एटीएम निकासी के लिए शुल्क लगाने के फैसले पर भी पुनर्विचार करने को कहा है। -(एजेंसी)