नई दिल्ली। दूरसंचार क्षेत्र के लिए नीतियां बनाने वाली शीर्ष इकाई दूरसंचार आयोग ने सेवाप्रदाताओं को किसी तरह की ऋण चूक के प्रति आगाह किया है और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) से कहा है कि वह अपने शुल्क दर आदेशों तथा रिलायंस जियो जैसी कंपनियों की मुफ्त पेशकशों का पुनर्मूल्यांकन करे।
दूरसंचार आयोग के अध्यक्ष और तत्कालीन दूरसंचार सचिव जे. एस. दीपक ने 23 फरवरी को ट्राई के चेयरमैन आर. एस. शर्मा को पत्र लिखकर मुफ्त ऑफरों के क्षेत्र की वित्तीय हालत पर ‘गंभीर प्रभाव’ के बारे में चेताया। इसके अलावा कंपनियों की अनुबंधित प्रतिबद्धताओं की क्षमता के बारे में बताया जिसमें खरीदे गए स्पेक्ट्रम की कीमत चुकाना और ऋणों का पुनर्भुगतान करना शामिल है।
पत्र लिखे जाने के कुछ ही दिन बाद यह मीडिया में आ गया। इसी समय दीपक विश्व मोबाइल कांग्रेस में शामिल होने बार्सिलोना चले गए। उनके बार्सिलोना में रहने के दौरान सरकार ने उन्हें विश्व व्यापार संगठन में भारत का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किए जाने का आदेश दे दिया जहां उनका कार्यकाल एक जून 2017 से प्रभावी होगा और उन्हें तत्काल वाणिज्य मंत्रालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) तैनात कर दिया।
अपने हालिया पत्र में दीपक ने दूरसंचार उद्योग में विभिन्न कंपनियों की प्रोमोशनल पेशकशों के कारण सरकारी राजस्व में कमी को चिंता जताई है। रिलायंस जियो अपनी प्रोमोशनल पेशकश में नि:शुल्क वायस व डेटा दे रही है । आयोग ने दूरसंचार क्षेत्र की वित्तीय हालत पर इसके ‘गंभीर’ असरों को लेकर चिंता जताई है।