आरबीआई को चलन से हटाए गए नोटों की सही संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
आरबीआई का कहना है कि वह नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा कराए गए पुराने नोटों के आंकड़ों का अभी भी मिलान कर रहा है.यह बात लिखित में संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष केंद्रीय बैंक ने कही. जबकि वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दो दिसंबर को संसद को लिखित जवाब में बताया था कि 8 नवंबर को कुल 15.44 लाख करोड़ रुपये के 500 और 1,000 के नोट चलन में थे.
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल, डिप्टी गवर्नर आर गांधी तथा केंद्रीय बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारी वरिष्ठ कांग्रेस नेता के वी थॉमस की अगुवाई वाली लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष ‘मौद्रिक नीति समीक्षा’ पर मौखिक सवाल जवाब के लिये पेश हुए.सूत्रों के अनुसार रिजर्व बैंक को कहा गया है कि वह 8 नवंबर के बाद बैंकों में जमा कराए गए पुराने नोटों का आंकड़ा तैयार करें.
इसके पूर्व रिजर्व बैंक गवर्नर ने समिति के समक्ष नोटबन्दी से पूर्व की परिस्थितियों का खुलासा कर नोटबन्दी के 50 दिनों के बीच की गई व्यवस्थाओं का भी जिक्र किया गया. बैंक ने समिति को सूचित किया कि उसके निदेशक मंडल ने 500 और 1,000 के नोटों को बंद करने की सिफारिश की है। बोर्ड की बैठक 8 नवंबर को शाम साढ़े पांच बजे हुई थी.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी दिन रात आठ बजे राष्ट्र के नाम संबोधन में नोटबंदी का ऐलान किया.