नई दिल्ली। दूरसंचार ऑपरेटरों तथा इंटरनेट कंपनियों के बीच इस बात को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है कि उपभोक्ताओं को यदि इंटरनेट पर सामग्री तथा सेवाओं तक पहुंच में दिक्कत आती है, तो इसके लिए जवाबदेही किसकी होगी।
दूरसंचार कंपनियों ने व्हाट्स एप और हाइक जैसे एप्स पर ‘समान सेवा, समान नियम’ को लागू करने की मांग करते हुए सुझाव दिया कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राई को मोबाइल फोन कंपनियों, ब्राउजर और इंटरनेट पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़े सभी लोगों को नेट निरपेक्षता नियमों के दायरे में लाना चाहिए।
हालांकि, इंटरनेट कंपनियों का कहना है कि नेट निरपेक्षता के नियम सिर्फ सेवाप्रदाताओं पर केंद्रित होने चाहिए।
नेट निरपेक्षता पर ट्राई द्वारा जारी परामर्श पत्र पर भारती एयरटेल ने टिप्पणी की है कि देश को न केवल नेट निरपेक्षता बल्कि नेट समानता की भी जरूरत है।