नई दिल्ली। कई वर्ष तक टाटा समूह से जुड़े रहे एस. रामादोरई ने राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी एनएसडीए और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम एनएसडीसी के चेयरमैन पदों से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही उनके देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा समूह में लौटने को लेकर अटकलें तेज होने लगीं हैं।
रामादोरई के इस्तीफे की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि 71 वर्षीय रामादोरई ने पिछले महीने किसी समय इस्तीफा दिया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया।
एनएसडीसी निदेशक मंडल की संभवत कल बैठक होगी जिसमें रामादोरई के इस्तीफे के बाद की स्थिति पर विचार विमर्श किया जाएगा।
उधर, संचालन संस्था के उपाध्यक्ष और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में सचिव रोहित नंदन को नए पूर्णकालिक चेयरमैन की नियुक्ति होने तक एनएसडीए चेयरमैन का कार्यभार सौंपा गया है।
टाटा समूह की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसिज टीसीएस के प्रमुख रह चुके रामादोरई को कौशल विकास एजेंसी का मई 2013 में चेयरमैन नियुक्त किया गया था। उन्हें कैबिनेट दर्जा दिया गया था। वह टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सांइसिज और एयर एशिया इंडिया के भी चेयरमैन हैं।
एनएसडीए और एनएसडीसी के चेयरमैन पद से उनके इस्तीफे के बाद इस तरह की अटकलें तेज हो गई हैं कि वह वापस टाटा समूह में लौट सकते हैं। टाटा समूह में इस समय पूर्णकालिक चेयरमैन की तलाश की जा रही है। टाटा संस ने पिछले सप्ताह ही साइरस मिस्त्री को समूह के चेयरमैन पद से हटा दिया।
इस बीच, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में शीर्ष सूत्रों के अनुसार सरकार कुछ समय से रामा दोरई की जगह नए व्यक्ति की तलाश कर रही है। मोदी सरकार कौशल विकास पहल को शीर्ष प्राथमिकता दे रही है और उसने 2022 तक विभिन्न क्षेत्रों में 40 करोड़ लोगों को प्रशिक्षण देकर उनके कौशल को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा है।
रामा दोरई के इस्तीफे के साथ ही अब इससे जुड़े संस्थानों एनएसडीसी और एनएसडीए में बड़े पैमाने पर पुनर्गठन का रास्ता साफ हो गया है।
समाचार लिखे जाने तक रामादोरई इस बारे में प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं थे। उनके नजदीकी सूत्रों ने बताया कि 71वर्षीय रामादोरई ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है। उनकी नियुक्ति पिछली संप्रग सरकार ने की थी।
एनएसडीसी के प्रबंध निदेशक और सीईओ दिलीप चेनॉय और इसके मुख्य संचालन अधिकारी अतुल भटनागर दोनों ने ही पिछले साल इस्तीफा दे दिया था। इनकी नियुक्ति पिछले संप्रग सरकार के समय हुई थी।
कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूढी ने पिछले दिनों एनएसडीसी के कामकाज को लेकर नाराजगी जताई थी। उन्होंने उद्योगों में कार्यबल की जरूरतों को पूरा नहीं करने के लिए एनएसडीसी की आलोचना की थी।