नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े उद्योग समूह टाटा में बोर्डरूम विवाद लगातार जारी है। इन सबके बीच टाटा संस ने नुस्ली वाडिया से अपने कानूनी नोटिस को वापस लेने को कहा है। टाटा संस ने कहा है कि समूह की कंपनियों के निदेशक पद से उनको हटाने के प्रस्ताव में कुछ भी द्वेषपूर्ण नहीं है।
करीब 103 अरब डालर के समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने वाडिया को टाटा स्टील, टाटा केमिकल्स तथा टाटा मोटर्स के निदेशक मंडलों से हटाने की कार्रवाई शुरू की है। वाडिया पर आरोप लगाया गया है कि वह समूह के हटाए गए चेयरमैन साइरस मिस्त्री के साथ मिलकर स्वतंत्र निदेशकों को टाटा के खिलाफ कथित रूप से एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं।
वाडिया ने अपनी ओर से टाटा संस और उसके निदेशकों के खिलाफ दीवानी और फौजदारी कार्रवाई के लिए कानूनी नोटिस जारी किया है। टाटा संस ने वाडिया को लिखे पत्र में कहा है कि उनका मानहानि का नोटिस गलत तथा निराधार है। उनको हटाने का प्रयास उनकी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाने तथा उनको बदनाम करने के लिए नहीं है। यह पूरी कार्रवाई कानून के अनुसार की जा रही है।
पत्र में कहा गया है कि वाडिया का जेआरडी टाटा या रतन टाटा से संबंध उनका निजी मामला है।
पत्र में कहा गया है कि आप इस बात को समझेंगे कि टाटा संस और उसके निदेशक कंपनी, उसके अंशधारकों तथा टाटा समूह की अन्य कंपनियों के हित में काम कर रहे हैं। ‘‘यदि आपके मन में जेआरडी टाटा और रतन टाटा के साथ संबंधों को लेकर जरा भी सम्मान है, जैसा आपने जिक्र किया है, तो आप गंभीरता से इस नोटिस को वापस लेने पर विचार करेंगे।’’
टाटा संस ने कहा कि उसके लिए शेयरधारक के रूप में उनको हटाने को लेकर उसे किसी तरह का कानूनी या अन्य अनिवार्यता को पूरा करने की जरूरत नहीं है।
टाटा संस ने वाडिया के पत्राचार को मानहानि के नोटिस का मीडिया ट्रायल कराने का प्रयास बताया। उसने कहा कि हमारा विशेष नोटिस आपके खिलाफ किसी निजी द्वेष की वजह से नहीं है।
वाडिया को पत्र में टाटा संस ने कहा कि टाटा स्टील में 29.75 प्रतिशत स्वामी के रूप में उसके कुछ निश्चित अधिकार, कर्तव्य और प्रतिबद्धताएं हैं। उसने शेयरधारक के रूप में अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए 10 नवंबर को विशेष नोटिस जारी किया है।