नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बीएस-3 उत्सर्जन मानक वाहने वाहनों को हटाने संबंधी सवालों पर कोई निश्चित जवाब नहीं देने के लिए प्रमुख वाहन कंपनियों की आलोचना की है। ऐसे वाहनों का विनिर्माण व बिक्री एक अप्रैल से प्रतिबंधित कर दी गई है।
बार बार पूछे जाने पर भी जब प्रमुख वाहन कंपनियों ने कोई सुनिश्चित जवाब नहीं दिया तो न्यायालय ने उन्हें लताड़ लगाते हुए कहा कि शायद ‘सीरी‘ ही उनके सवालों को बेहतर जवाब दे देता। सीरी मोबाइल कंपनी एपल का कंप्यूटराज्ड सहायक है जो विभिन्न सवालों का मानवीय भाषा में जवाब देता है।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा,‘ हमने वाहन कंपनियों के वकीलों से जमा भंडार के निपटान के लिए समय के बारे में पूछा। किसी ने भी कोई निश्चित जवाब नहीं दिया- जवाब 5-6 महीने से लेकर एक साल रहे जिस भी बाजार ताकतों व वाहनों माडलों की शर्तें रहीं। शायद सीरी ही इससे ज्यादा निश्चित जवाव दे देता।’
उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने 29 मार्च को देश में उन वाहनों की बिक्री व पंजीकरण पर एक अप्रैल से रोक लगा दी थी जो कि बीएस-4 उत्सर्जन मानकों का पालन नहीं करते। फैसले का ब्यौरा आज उपलब्ध कराया गया।