नई दिल्ली। बच्चों और बड़ों के बीच तेजी से लोकप्रिय हुई खट्टी-मीठी पल्स कैंडी ने बाजार में अपने टेस्ट से अलग जगह बनाई है। अब पल्स कैंडी ने बिजनेस में भी सबको पीछे छोड़ते हुए कमाई के मामले में नए आयाम स्थापित किए है। पल्स ने पिछले दो सालों में 300 करोड़ का बिजनेस कर लिया है। कई मल्टीनेशन टॉफी निर्माता कंपनियों को पीछे छोड़ते हुए पल्स ने यह रिकॉर्ड बनाया है और बहुत कम समय में ही भारत की तीसरे नंबर की लोकप्रिय कैंडी साबित हुई।
डीएस ग्रपु के इस प्रोड्क्ट ने बाजार में आते ही धाक जमा ली थी। पिछले दस सालों से बाजार में छाई हुई एलपेनलीबे और मैंगो बाइट को पीछे छोड़ते हुए पल्स ने नंबर वन की पोजीशन पर कब्जा जमा लिया था।
मल्टीनेशल कंपनी ओरियो को पीछे छोड़ पल्स ने बिजनेस के मामले में यह मुकाम हासिल किया है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की खबर के मुताबिक ओरियो ने साल 2011 में 283 करोड़ का बिजनेस रिकॉर्ड बनाया था।
डीएस ग्रुप के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट शशांक सुराना का कहना है कि पल्स ने अपने टेस्ट की वजह के लोगों की पसंद बनती जा रही है। अब हम इसे सिंगापुर, यूनाइडेट किंगडम और अमेरिका स्टोर्स में भी बेचने की तैयारी कर रहे हैं।
गौरतलब है कि पल्स कैंडी का मुंह में रखते है ही खट्टा-मीठा टेस्ट आता है कैंडी को तोड़ते ही उसमें से एक मसाला निकलता है जिसमें जलजीरे और खट्टे-मीठे का स्वाद आता है।