नई दिल्ली। फिक्की-कासकेड की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सिगरेट की तस्करी तेजी से बढ़ रही है। सिगरेट की तस्करी ने सोने की तस्करी को भी पीछे छोड़ दिया है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल में सिगरेट की तस्करी 79 प्रतिशत बढ़ी है।
2015-16 में 162 करोड़ रुपए मूल्य की तस्करी की सिगरेट जब्त की गई जबकि 2014-15 में 90.75 करोड़ रुपए की सिगरेट जब्त की गई थी। इस अवधि में कपड़े तथा रेशमी धागे की तस्करी में भी काफी वृद्धि दर्ज की गई। इनकी तस्करी इस दौरान 73.8 प्रतिशत बढक़र 41.78 करोड़ रुपए की रही जबकि 2014-15 में यह 24.03 करोड़ रुपए मूल्य की रही।
वहीं जब्त सोने की मात्रा आलोच्य वित्त वर्ष में 61.6 प्रतिशत बढक़र 1,119.11 करोड़ रुपए रही जो कि 2014-15 में 692.35 करोड़ रुपए रही थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सिगरेटों की तस्करी बढऩे की मुख्य बजय उंचे कर है।
सिगरेट की तस्करी को कम जोखिम व उंची आय वाला अपराध माना जाता है। वर्तमान में सिगरेट पर बढ़े कर की वजह से यह कर चोरी यानी तस्करी के लिहाज से फायदे का सौदा माना जा रहा है। निर्यात करने वाले देश और आयात करने वाले देश में कर दरों में भारी अंतर की वजह से ऐसास होता है।