नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आश्वस्त किया कि पुराने 500 और 1,000 के नोटों में छोटी राशि बैंक खातों में जमा कराने वाले लोगों से कर विभाग किसी तरह की पूछताछ नहीं करेगा। इसके साथ ही जेटली ने लोगों को सुझाव दिया कि वे बैंकों में भीड़ न करें क्योंकि पुराने नोटों को बदलने के लिए काफी समय है। हालांकि, वित्त मंत्री ने इसके साथ ही आगाह किया कि बेहिसाबी धन जमा कराने वाले लोगों को कर कानून के तहत नतीजे झेलने होंगे। इस राशि पर कर के साथ 200 प्रतिशत का जुर्माना भी लगेगा।
जापानी कंपनियों के लिए भारत में अप्रत्याशित निवेश अवसर मौजूद हैं : मोदी
जेटली ने कहा, ऐसे लोग जो छोटी राशि जमा कर रहे हैं उनसे किसी तरह का सवाल नहीं पूछा जाएगा और न ही उन्हें परेशान किया जाएगा। जिन लोगों के पास घर में खर्च के लिए या किसी आपात स्थिति के लिए पैसा है वे उसे खाते में जमा कर सकते हैं। राजस्व विभाग छोटे जमाकर्ताओं पर ध्यान नहीं देगा। वित्त मंत्री ने आर्थिक संपादकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ऐसे लोग जिनके पास बड़ी मात्रा में बेहिसाबी धन है उन्हें कर कानून के तहत परिणाम झेलने होंगे।
सरकार ने लोगों को पुराने 500 और 1,000 के नोट 10 नवंबर से 30 दिसंबर तक जमा कराने की अनुमति दी है। यह पूछे जाने पर कि क्या 500-1000 के नोट के बंद होने से कालाधन समाप्त हो जाएगा, जेटली ने कहा कि यह इसका एकमात्र लक्ष्य नहीं है। यह फैसला कई कदमों को देखते हुए उठाया गया है। इसमें जीएसटी को लागू किया जाना भी शामिल है।
फेसबुक पर मार्क जुकरबर्ग की मौत की खबर सुनकर चौंके लोग, जानिए क्या है सच
उन्होंने कहा, ’काफी निष्क्रिय पड़ी मुद्रा जरूरी नहीं कि पूरी बाजार में आएगी, इस लिहाज से मुद्रा प्रसार पर दबाव होगा। जीएसटी लागू होने जा रहा है। यह अधिक दक्ष प्रणाली है जिसमें कर चोरी काफी कम होगी और अनुपालन काफी ऊंचा रहेगा। इसके साथ ही प्रत्यक्ष कर दरों को भी तर्क संगत बनाने की दिशा में आगे बढ़ना होगा।-एजेंसी
इन ख़बरों पर भी डालें एक नजर :-
तो क्या इन कारणों से महिलाएं करती है संभोग?
अपने पार्टनर को प्यार का अहसास दिलाने के लिए आज़माए 'Kiss' के ये असरदार तरीके
रिश्तों में न आने दे इनसिक्योरिटी वरना...