मुंबई। एप के जरिए टैक्सी बुकिंग सेवा देने वाली ओला ने कहा है कि सरकार को ‘भारी पूंजी’ के जरिए बाजार बिगाडऩे पर रोक लगाने के लिए नियम बनाने चाहिए।
ओला के मुख्य परिचालन अधिकारी प्रणय जिवराजका ने बेंगलुरू से फोन पर यह बात कही।
उन्होंने कहा,‘सभी कंपनियों के अस्तित्व को ध्यान में रखते हुए प्रणाली में अनाप शनाप धन लगाए जाने तथा बाजार बिगाडऩे वाले शुल्क दरों पर लगाम लगाने के लिए पर्याप्त नियमों की तुरंत जरूरत है।’
अपनी प्रतिस्पर्धी उबर का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि विदेशी पूंजी का इस्तेमाल केवल बाजार खराब करने वाले शुल्क दरों के लिए नहीं होना चाहिए।
यहां उल्लेखनीय है कि ओला में भी साफ्टबैंक, डीएसटी ग्लोबल, एस्सेल पार्टनर्स सहित कई प्रमुख निवेशकों से 1.2 अरब डॉलर का विदेशी पूंजी निवेश मिला है। कंपनी दूसरे दौर में और भी निवेश हासिल कर रही है।
मीडिया रपटों के अनुसार ओला देश की तीसरी सबसे मूल्यवान स्टार्टअप है जो कि इस चरण में 60 करोड़ डॉलर जुटाना चाहती है।