नई दिल्ली। सभी सरकारी योजनाओं में उनकी समाप्ति का प्रावधान भी होना चाहिए और इन्हें वित्त आयोग के कार्यकाल के साथ ही समाप्त हो जाना चाहिए। वित्त आयोग का गठन हर पांच साल पर होता है। वित्त मंत्रालय ने आज यह बात कही है।
विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालय को भेजे परिपत्र में वित्त मंत्रालय ने कहा है कि इस महीने 12वीं योजना की समाप्ति के साथ ही पंचवर्षीय योजना का चलन भी समाप्त हो जाएगा। ऐसे में सरकारी व्यय की गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी योजनाओं पर नए सिरे से गौर किया जाना चाहिए।
संदेश में कहा गया है कि प्रत्येक योजना की समाप्ति तिथि और उसकी परिणाम की समीक्षा होनी चाहिए। मंत्रालय ने कहा है, योजना को केन्द्र और राज्य सरकारों के वित्तीय संसाधन चक्र के साथ जोडऩे के लिए योजनाओं को वित्त आयोग के साथ ही समाप्त हो जाना चाहिए। ऐसा पहला चक्र 14वें वित्त आयोग के साथ शुरू हो सकता है जो कि मार्च 2020 में समाप्त होगा।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि सभी मंत्रालयों और विभागों को अपने योजनाओं का वित्त मंत्रालय से मूल्यांकन कराने के लिये इस माह के अंत तक भेज देना चाहिए ताकि ये योजनायें 12वीं योजना की समाप्ति के बाद भी बिना किसी अड़चन के प्रभावी तरीके से आगे चलतीं रहें।
मंत्रालय के परिपत्र में कहा गया है कि यदि योजना की समीक्षा बेहतर है और उसके उद्देश्य को प्रभावी तरीके से हासिल किया गया है तो उसे जारी रखने के लिए अनुमति मांगी जानी चाहिए।