नई दिल्ली। कोयला सचिव सुशील कुमार का कहना है कि घरेलू कोयला गैस का इस्तेमाल यूरिया व अन्य रसायन उत्पाद में कच्चे माल के रूप में किया जा सकता है जिससे देश के आयात बिल में पांच साल में 10 अरब डालर कमी करने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि इससे कार्बन उत्सर्जन में भी कमी की जा सकेगी।
सुशील कुमार ने कहा कि अगर भारत कोयले से गैस हासिल करने में सक्षम होता है तो पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस पर देश की निर्भरता को कम किया जा सकता है या खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘अगर हम इस आयात की जगह स्वदेशी कोयला गैसीफिकेशन का इस्तेमाल कर पाते हैं ... तो कहा जा सकत है कि अगले पांच साल में लगभग 10 अरब डालर मूल्य का आयात कम किया जा सकेगा।
कोयला सचिव ने कहा, ‘प्राकृतिक व पेट्रोलियम गैस पर हमारी निर्भरता घटेगी.. हम जानते हैं कि वहां कोयला है। यह वास्तविक मुद्दा है और सचिव के रूप में मुझे इस क्षेत्र को इस दिशा में आगे बढाना होगा। अधिकारी का कहना है कि यूरिया, मेथानोल, अमोनिया व सिरका अम्ल जैसे चार पांच रसायनों का आयात इस समय लगभग 5.5 अरब डालर का है।