जयपुर। देश की सबसे बड़ी बैंक एसबीआई यानि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पांच सहयोगी बैंको की पूर्ण रूप से विलय (मर्जर) की घोषणा के बाद से राजस्थान की राजधानी और बिजनेस हब जयपुर की 125 से ज्यादा ब्रांचों और ऑफिस पर ताले लगने की नौबत आ गई है। एक अप्रैल से भारतीय स्टेट बैंक का हिस्सा बनने के बाद पांच सहयोगी बैंकों की प्रदेश में 125 से ज्यादा शाखाएं एवं कार्यालय बंद हो जाएंगे। यहां तक की जयपुर में ही 20 से ज्यादा शाखाओं या कार्यालय को बंद या विलय करने की संभावना है।
वीआरएस की तैयारी में कर्मचारी
एसबीआई ने 22 मार्च से सहयोगी बैंकों के लिए स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति योजना लागू कर दी है। एसबीबीजे के 254 कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन भी कर दिया है। सहयोगी बैंकों के विलय से कई कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता। इसके मद्देनजर कई कर्मचारी वीआरएस लेने पर विचार करे हैं। बताया जा रहा है कि 20 साल की नौकरी या 55 साल की उम्र वाले कर्मचारी इस मर्जर की घोषणा के बाद से वीआरएस लेने का मूड बना चुके हैं।
शाखाओं की हो चुकी हैं पहचान
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि विलय के बाद एसबीबीजे समेत पांचों सहयोगी बैंकों 30 से 35 फीसदी शाखाओं को बंद किया जा सकता है। बंद की जा सकने वाली शाखाओं की पहचान की जा रही है। अभी तक जयपुर समेत पूरे प्रदेश में करीब 125 शाखाओं एवं कार्यालयों की पहचान हो चुकी है।
इन बैंको का होगा मर्जर
इन बैंकों का विलय एसबीबीजे, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद।
गुलाबी शहर में यह शाखाएं हो सकती हैं बंद
गुलाबी शहर में एसबीबीजे की विद्याधर नगर शाखा, मानसरोवर शाखा, ट्रांसपोर्ट नगर शाखा, बर्मीज कॉलोनी शाखा, जेके लॉन शाखा, सी-स्कीम शाखा, आमेर रोड शाखा और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद की चौड़ा रास्ता स्थित शाखाओं के बंद होने के कयास लगाए जा रहे हैं।