नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सहारा मामले में अवमानना के आरोप में चेन्नई के वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश स्वामी को आज एक महीने के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया।
64 वर्षीय पत्रकार 10 साल संयुक्त राष्ट्र बतौर संवाददाता काम कर चुके हैं। अपने हलफनामा में कही गई बातों पर कायम नहीं रहने को लेकर उन्हें न्यायालय की नाराजगी झेलनी पड़ी। न्यूयार्क स्थित एमजी कैपिटल होल्डिंग्स के पावर आफ अटार्नी रखने वाले स्वामी ने सहारा के न्यूयार्क में होटल प्लाजा खरीदने की रूचि दिखाई थी।
करीब 35 साल पत्रकारिता में रहे स्वामी ने हाथ जोडक़र सुबकते हुए माफी मांगी लेकिन न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने उन्हें जेल भेज दिया। पीठ ने कहा कि उन्हें ऐसे ही जाने की अनुमति देने से ‘गलत संदेश’ जाएगा।
पीठ में शामिल अन्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश ए के सिकरी थे।
न्यायालय ने कहा, ‘‘आपको मामले की गंभीरता समझनी चाहिए।’’
न्यायालय के आदेश से आहत और कांपते हुए स्वामी ने अपने को निर्दोष बताया और कहा कि वह 10 करोड़ रुपए के बजाए 10 लाख रुपए शीर्ष अदालत रजिस्ट्र में जमा करने को तैयार हैं।
हालांकि पीठ ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया और कहा कि संभवत यह लालच है जिसके कारण किसी विदेशी कंपनी का पावर आफ एटार्नी उन्हें मिला।
दक्षिण भारत के एक प्रमुख अखबार में काम कर चुके स्वामी के अनुसार उनसे कहा गया था कि वह बड़े सौदे का हिस्सा होंगे, इसीलिए वह इस मामले में जुड़े।
पीठ ने कहा, ‘‘अत यह लालच था। लालच कभी-कभी आपको जेल पहुंचा देता है।’’ न्यायालय ने यह भी कहा कि अदालत की अवामनाना को लेकर उन्हें छह महीने की जेल हो सकती है।
मामले में सहारा की पैरवी कर रहे कुछ वकीलों ने पीठ से स्वामी के मामले में नरम रूख का अनुरोध किया। इस पर पीठ ने कहा कि उन्हें लागत के रूप में 10 करोड़ रुपए जमा कराने चाहिए।
हालांकि पत्रकार ने इतनी बड़ी राशि जमा करने में असमर्थता जताई।
पीठ ने कहा कि स्वीमा को मौका देने का कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि उन्होंने राशि नहीं जमा कर अदालत की अवमानना की।
शुरू में स्वामी ने अपने हलफनामा में कहा था कि कंपनी होटल खरीदना चाहती है। उसके बाद न्यायालय ने सेबी-सहारा रिफंड खाता में 750 करोड़ रुपए जमा करने को कहा था ताकि होटल में खरीदने को लेकर उनकी पात्रता का पता चल सके। होटल का मूल्य 55 करोड़ डालर आंका गया है
स्वामी के वकील ने 17 अप्रैल को स्वीकार किया कि 750 करोड़ रुपए जमा नहीं किया जा सका क्योंकि होटल में खरीदने को लेकर सौदे में कुछ कठिनाइयां हैं।
इस पर न्यायालय ने पेशे से पत्रकार संयुक्तराष्ट्र मुख्याल पर संवाददाता रहे 64 वर्षीय स्वामी का पासपोर्ट जब्त करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्हें लागत के रूप में 10 करोड़ रुपए जमा करने तथा व्यक्तिगत रूप से आज न्यायालय में पेश होने को कहा था।