मुंबई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बैठक के नतीजे के आने से पहले निर्यातकों द्वारा अमेरिकी मुद्रा की आक्रामक बिकवाली से रुपये में तेजी भी कायम रही तथा स्थानीय मुद्रा 13 पैसे और सुधर कर 16 माह के ताजा उच्च स्तर न्रति डालर 65.69 रुपये की दर पर बंद हुई।
बाजार सूत्रों ने कहा राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत के कारण लोगों को उम्मीद बंधी है कि मोदी सरकार बड़े आर्थिक सुधारों की ओर ध्यान देगी। इस उम्मीद से बाजार में तेजी की धारणा मजबूत हुई है और 2015 के आरंभिक दौर के बाद से सबसे बड़ी तेजी का दौर देखने को मिल रहा है।
इस वर्ष के आरंभ से घरेलू मुा की विनिमय दर में 2.23 प्रतिशत की मजबूती आयी है। अन्तरबैंक विदेशी मुा बाजार में रपया मजबूती के साथ प्रति डालर 65.76 पर खुला। मंगलवार को डालर 65.82 रुपये पर बंद हुआ था। बैंकों और व्यापारियों की भारी डॉलर की बिकवाली से रपया 65.41 तक मजबूत हो गया था। हालांकि बाद में संभावतभारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप से सरकारी बैंकों की डॉलर की खरीद बढ़ाने से रपये की तेजी पर कुछ लगाम लगी।
रुपये की तेजी निर्यातकों के लिए नुकसानदेह है। रपया अंत में 13 पैसे अथवा 0.20 प्रतिशत मजबूत हो प्रति डालर 65.69 पर बंद हुआ। भारतीय रिजर्व बैंक ने संदर्भ दर 65.5146 रुपये प्रति डॉलर और 69.6224 रुपये प्रति यूरो निर्धारित की थी। अन्तर मुद्रा कारोबार में पौंड और जापानी येन के मुकाबले रपये में गिरावट आई जबकि यूरो के मुकाबले इसमें तेजी रही। -(एजेंसी)