नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने कहा है कि भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण एएआई को इस बात की जांच करनी चाहिए कि कैसे बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस को करीब 295 करोड़ रपये बकाया जमा करने की अनुमति दी गयी।
समिति ने जांच की सिफारिश करते हुए कहा कि एएआई ने सभी मौजूदा नियमों तथा प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए इतना अधिक बकाया होने दिया।
वित्तीय समस्याओं के कारण शराब कारोबारी विजय माल्या द्वारा प्रवर्तित किंगफिशर एयरलाइंस 2012 में बंद हो गयी। रिण नहीं लौटाने और अन्य मामलों में माल्या वांछनीय है।
दिसंबर 2016 के अंत में एयरलाइन के उपर एएआई का 294.69 करोड़ रपये का बकाया था और राशि को बट्टे खाते में डाल दिया गया। राष्ट्रीय हवाईअड्डा परिचालक ने बकाये की वसूली के लिये विमान कंपनी के खिलाफ कानूनी मुकदमा दायर किया है।
विभाग संबंधित संसद की स्थायी समिति ने परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर अपनी रिपोर्ट में यह सिफारिश की है। रिपोर्ट 17 मार्च को संसद में पेश की गयी। रिपोर्ट नागर विमानन मंत्रालय की अनुदान मांगों 2017-18 पर है।
समिति ने सिफारिश की है कि एएआई इस मामले में आंतरिक जांच कर सकता है ताकि किंगफिशर एयरलाइंन के उपर इतने अधिक बकाये को लेकर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जा सके। भाषा