मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करेगा रिजर्व बैंक

Samachar Jagat | Sunday, 04 Jun 2017 03:12:35 PM
RBI to keep policy rate unchanged on June 7 say experts

नई दिल्ली। विशेषज्ञों का मानना है कि रिजर्व बैंक बुधवार को अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगा। विशेषज्ञों ने कहा कि केंद्रीय बैंक अभी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्यन के मुद्रास्फीति पर पडऩे वाले असर आकलन करना चाहेगा, ऐसे में वह नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करेगा।

हालांकि, उद्योग और सरकार चाहते हैं कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय बैंक कों दरों में कटौती करनी चाहिए। वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 7.1 प्रतिशत पर आ गई है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 8 प्रतिशत पर थी।

भारतीय स्टेट बैंक के उप प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी अंशुला कान्त ने कहा कि मुद्रास्फीति के रख तथा बाजार में पर्याप्त तरलता की स्थिति को देखते हुए इस बात की संभावना कम है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरें घटाएगा। मुझे लगता है कि मौद्रिक नीति की टिप्पणी अनुकूल होगी।

रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति एमपीसी की बैठक 6 और 7 जून को होगी।

यूनियन बैंक ऑफ इंयिा के कार्यकारी निदेशक विनोद कथूरिया ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि रिजर्व बैंक मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में कटौती नहीं होगी। वे इस बारे में कोई फैसला करने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति का इंतजार करेंगे। समीक्षा की भाषा नरम होगी।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर कई साल के निचले स्तर 2.99 प्रतिशत पर आ गई है। मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं...दलहन और सब्जियों के दाम घटने से मुद्रास्फीति नीचे आई है। अप्रैल, 2016 में यह 5.47 प्रतिशत के स्तर पर थी।

इसी के साथ अप्रैल में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति घटकर चार महीने के निचले स्तर 3.85 प्रतिशत पर आ गई।

आधिकारिक अनुमान के अनुसार जीएसटी मुद्रास्फीति की दृष्टि से तटस्थ साबित होगा। सरकार का इरादा जीएसटी को एक जुलाई से लागू करने का है।

केंद्रीय बैंक ने 6 अप्रैल को अपनी मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर को 6.25 प्रतिशत पर कायम रखा था। यह लगातार तीसरी मौद्रिक समीक्षा थी जबकि नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया गया था।

भारतीय उद्योग जगत का मानना है कि केंद्रीय बैंक के लिए यह दरों में कटौती का उपयुक्त समय है क्योंकि मुद्रास्फीति निचले स्तर पर है।

उद्योग मंडल सीआईआई का मानना है कि मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति में आई गिरावट को नजरअंदाज कर कुछ अधिक सतर्कता बरत रही है।

इस बीच, जापान की वित्तीय सेवा कंपनी नोमूरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीतिक दबाव घटने के बावजूद केंद्रीय बैंक मौद्रिक समीक्षा में तटस्थ रख कायम रखेगा। नोमूरा का मानना है कि मार्च, 2018 तक रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करेगा। उसके बाद अप्रैल, 2018 से वह कुल 0.50 प्रतिशत की कटौती करेगा।



 

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