अगले सप्ताह ब्याज दर में कटौती कर सकता है आरबीआई

Samachar Jagat | Friday, 02 Dec 2016 09:20:49 AM
RBI may cut interest rates next week

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बैंकों से सरप्लस कैश वापस लेने के बोल्ड स्टेप के बाद एक म्यूचुअल फंड हाउस के सीईओ ने अपने वॉट्सऐप गु्रप के सदस्यो को लिखा था कि कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) बढ़ाने का फैसला सही है। 

उन्होंने बताया था कि इससे बाजार को स्टेबल बनाने में किस तरह मदद मिलेगी। इसके एक दिन बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि यह कदम अस्थायी है, जिसका बॉन्ड मार्केट ने जश्न मनाया। ये लोग जानते हैं कि इकनॉमिक ग्रोथ कम होने और डिपॉजिट बढऩे पर आरबीआई को आज नहीं तो कल ब्याज दरों में कटौती करनी पड़ेगी।

26 नवंबर को आरबीआई ने बैंकों से 16 सितंबर से 11 नवंबर के बीच सभी इंक्रीमेंटल डिपॉजिट अपने पास जमा कराने को कहा था। नोटबंदी के बाद बैंकिंग सिस्टम में कैश काफी बढ़ गया है, जिसे कम करने के लिए यह कदम उठाया गया था। रिजर्व बैंक इंटरेस्ट रेट पर फैसला 9 दिसंबर की मीटिंग में करेगा।

इकनॉमी के लिए जो बुरी खबर है, वह मार्केट के लिए खुशखबरी है। सीआरआर बढऩे के बाद पिछले शनिवार को बॉन्ड के दाम में जो गिरावट आई थी, वह पटेल के बयान के बाद खत्म हो गई। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच में चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट इंद्रनील सेनगुप्ता ने बताया, ‘सीआरआर बढ़ाने के बाद रेट कट को बेमेल नहीं माना जाना चाहिए क्योंकि कैश रिजर्व रेशियो में बढ़ोतरी को आखिरकार वापस लिया जाएगा। इकनॉमी अभी ठहर गई है। इसलिए हम रेट कट की उम्मीद कर रहे हैं।

हम पहले भी दिसंबर में ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत कटौती की उम्मीद कर रहे थे। हमारा मानना है कि इस फाइनैंशल इयर के बचे हुए महीनों यानी अगले साल मार्च तक एक बार और 0.25 प्रतिशत की कटौती होगी।’ वहीं, देश के बड़े बॉन्ड हाउसों में से एक एसटीसीआई प्राइमरी डीलर के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप माधव ने कहा कि अगर रिजर्व बैंक रेट में आधा पर्सेंट की भी कटौती करता है तो उन्हें हैरानी नहीं होगी।

बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने फाइनैंशल इयर 2017 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को आधा पर्सेंट घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है। वह सितंबर 2017 तक इंटरेस्ट रेट में 0.75 प्रतिशत कटौती की उम्मीद कर रहा है। अधिकतर अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अगले हफ्ते मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग में 0.25 प्रतिशत रेट कट तय है। उनका कहना है कि नोटबंदी से स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एसएमई) को काफी नुकसान हो रहा है। इसलिए अभी सेंट्रल बैंक को उन्हें सपोर्ट देना चाहिए।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड की चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट अनुभूति सहाय ने बताया, ‘हम दिसंबर में पहले से 0.25 प्रतिशत रेट कट की उम्मीद कर रहे थे। अब हम फरवरी तक ब्याज दरों में और 0.25 प्रतिशत कमी की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि इकनॉमिक ग्रोथ कम हो रही है। कुछ दिनों पहले सीआरआर बढ़ाने का जो ऐलान हुआ था, वह बैंकों से सरप्लस कैश वापस लेने के लिए था। इसका रिजर्व बैंक के इंटरेस्ट रेट पर स्टैंड से कोई लेना-देना नहीं है।’



 

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