मौद्रिक समीक्षा में बनी रह सकती है यथास्थिति : विश्लेषक

Samachar Jagat | Tuesday, 28 Mar 2017 05:10:01 AM
RBI likely to go for status quo at April review says Analysts

मुंबई। विश्लेषकों का मानना है कि मुद्रास्फीति का आंकड़ा तय लक्ष्य के मुकाबले काफी नीचे होने के बावजूद रिजर्व बैंक अगले महीने होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में यथास्थिति बनाए रख सकता है।

रेटिंग एजेंसी इक्रा के प्रबंध निदेशक नरेश टक्कर ने कहा, ‘‘हालांाकि, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का मार्च 2017 का आंकड़ा काफी नीचे रह सकता है, फिर भी हमें रिजर्व बैंक की अप्रैल में जारी होने वाली मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद नहीं दिखती है क्योंकि मौद्रिक नीति समिति मजबूती के साथ अपने मध्यमअवधि के चार प्रतिशत के आंकड़े पर ध्यान रखे हुए है।’’

रिजर्व बैंक की अगली समीक्षा बैठक 5-6 अप्रैल को होगी।

सिंगापुर के बैंक डीबीएस ने कहा, ‘‘फरवरी की मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक ने अपना रख सामंजस्य बिठाने के बजाय निरपेक्ष करने से सभी को चकित कर दिया। अप्रैल की समीक्षा में दरें यथावत रहेंगी।’’

रिजर्व बेंक ने मार्च के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति के पांच प्रतिशत रहने का लक्ष्य तय किया है लेकिन फरवरी में यह 3.7 प्रतिशत रह गई। हालांकि, इसमें आगे वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।

रिजर्व बैंक के मध्यम अवधि लक्ष्य के मुताबिक मुद्रास्फीति घटकर चार प्रतिशत के सतर पर लाई जानी है। इक्रा ने कहा कि उसे सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति मार्च में बढक़र 4.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

हालांकि, एजेंसी का मानना है कि मुद्रास्फीति को टिकाऊ आधार पर चार प्रतिशत के करीब लाने पर अधिक जोर रहने के चलते नीतिगत दर में यथास्थिति बने रहने का अनुमान है।

डीबीएस ने यह भी कहा है कि पहली बार थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति डब्ल्यूपीआई खुदरा बाजार मूल्य आधारित सीपीआई मुद्रास्फीति से आगे निकली है ऐसे में खाद्य मुद्रास्फीति पर गौर करने की जरूरत है।



 

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