नई दिल्ली। नोटबंदी के बीच शादी के लिए बैंक खातों से ढाई लाख रुपए तक निकालने की छूट का दुरुपयोग रोकने के लिए रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को नया दिशा-निर्देश जारी किया है जिससे वास्तविक जरूरतमंदों की भी परेशानी बढ़ सकती है।
आरबीआई ने जारी अधिसूचना में बताया कि लोग वैवाहिक खर्च के लिए भी अपने खाते से उतना ही पैसा निकाल सकेंगे जितना नोटबंदी की घोषणा से पहले 08 नवंबर को उनके खाते में था। इससे उन लोगों को झटका लगेगा जिन्होंने 08 तारीख से पहले ही नकद खर्च के लिए पैसे निकाले थे। पुराने नोट बैंक में जमा करा देने के बाद भी वे वैवाहिक खर्च के लिए इस राशि का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
एक अन्य प्रावधान यह किया गया है कि आवेदन और शादी के कार्ड के साथ शादी के कार्यक्रम के लिए किए गए अग्रिम भुगतान जैसे हॉल की बुकिंग, कैटरर की बुकिंग आदि जैसे मद में किए गए अग्रिम भुगतान की रसीद भी जमा करानी होगी। इसके अलावा बैंक खाते से निकाली गई ढाई लाख तक की नकद राशि का भुगतान जिन-जिन लोगों केा किया जाना है उनकी पूरी सूची भी बैंक के पास जमा करानी होगी। ऐसे हर व्यक्ति से यह सत्यापित करवाना होगा कि उसका कोई बैंक खाता नहीं है और इसलिए वह नकद में ही पैसे लेगा।
उल्लेखनीय है कि यह व्यवस्था 30 दिसंबर तक के लिए की गई है और इसके तहत उन्हीं लोगों को नकदी निकालने की अनुमति है जिनके यहां 30 दिसंबर या इससे पहले शादी है। पैसे निकालने के लिए भावी वर, कन्या तथा उनके माता-पिता को व्यक्तिगत रूप से बैंक में जाना होगा।
आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे पैसे निकालने आने वालों को अधिक से अधिक नकद रहित भुगतान के लिए प्रोत्साहित करें।