नई दिल्ली। भारतीय रेल अपने तरह के एक अनोखे एकीकृत सॉफ्टवेयर को विकसित करने की दिशा में काम कर रही है जिससे कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा डाटा संग्रहण किया जा सके।
इस सॉफ्टवेयर में रेलवे यात्री आरक्षण, मालगाड़ी एवं सवारी गाड़ी संचालन और परिसंपत्ति प्रबंधन को एकीकृत करेगा। अभी फिलहाल कई कामों के लिए वह अलग-अलग सॉफ्टवेयर का उपयोग करता है जिससे डाटा संग्रहण में देरी होती है।
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इसका नाम ‘वन आईसीटी’ होगा। इसके विकास पर अगले पांच सालों में 5,000 करोड़ रुपए की लागत आएगी। यह रेलवे की संचालन संबंधी सभी प्रक्रियाओं का एकीकरण करेगा।
उन्होंने कहा कि इस सॉफ्टवेयर में डिजिटल तकनीक का उपयोग कर सेवाओं और वस्तुओं का बाजार के साथ सामंजस्य बेहतर बनाया जाएगा। साथ ही आंतरिक प्रबंधन को भी प्रभावी बनाया जाएगा ताकि ग्राहकों को उच्च स्तरीय संतुष्टि दी जा सके।
इस परियोजना से जुड़े अधिकारी ने कहा कि रेलवे ने अपनी विभिन्न जरूरतों के लिए अलग-अलग सॉफ्टवेयर विकसित किए हैं। ये पहली बार है कि हम एकीकृत सॉफ्टवेयर बना रहे हैं। यह एक तरीके से एकल खिडक़ी प्रणाली की तरह होगा।
इस संबंध में रेलवे कल एक दिवसीय सम्मेलन आयोजित करेगा जिसमें प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनियां भाग लेंगी। इसके लिए रेलवे के एक विशेष प्रयोजन कंपनी (एसपीवी) बनाने की संभावना है।
इस सम्मेलन का उद्घाटन रेल मंत्री सुरेश प्रभु करेंगे।
‘वन आईसीटी’ में रेलवे का लागत आकलन, उपस्थिति, खाता, परिसंपत्ति प्रबंधन, स्वास्थ्य प्रबंधन और भूमि प्रबंधन की भी सुविधा होगी। इससे वह बेहतर आंकड़े एकत्रित कर सकेगा और अपनी संपत्तियों का अधिकतम लाभ सुनिश्चित कर सकेगा। साथ ही मालगाडिय़ों का परिचालन भी बेहतर हो सकेगा।