नई दिल्ली। लोकलुभावन तथा प्रतिष्ठान विरोधी सोच के बढऩे से दुनिया में आर्थिक राष्ट्रवाद के फैलने का खतरा है और इससे दीर्घावधि में वैश्विक वृद्धि प्रभावित हो सकती।
फिच रेटिंग्स ने आज अपने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि व्यापार संरक्षणवाद तथा आव्रजकों का प्रवाह कम होने से विकसित अर्थव्यवस्थाओं में दीर्घावधि में वृद्धि प्रभावित होगी। हालांकि, लघु अवधि के बजटीय उपायों से इसे अगले साल प्रोत्साहन मिलेगा।
वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा कि लोकलुभावनवाद बढऩे तथा प्रतिष्ठान विरोधी धारणा ब्रेक्जिट मतदान और अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत में दिखी। इससे बुनियादी नीतियां आर्थिक राष्ट्रवाद की दिशा में आगे बढ़ेंगी, जिससे व्यापार मुक्तता में कमी आएगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रमिकों का प्रवास कम होगा।
इसी के साथ मतदाताओं के विरोध से आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं के नेता आसान वित्तीय नीतियां अपना रहे हैं।
फिच रेटिंग्स ने कहा है कि अमेरिका में निवेश में सुधार, राजकोषीय नीति में नरमी तथा मंदी के समाप्त होने से वैश्विक वृद्धि 2017 में इस साल के 2.5 प्रतिशत से बढक़र 2.9 प्रतिशत हो जाएगी।