नई दिल्ली। पोंजी योजना घोटालों में धन शोधन से जुड़े दो मामलों की जांच में प्रवर्तन निदेशालय ने चेन्नई और जयपुर की कंपनियों की 65 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की हैं।
पहला मामला चेन्नई की एक बहुस्तरीय विपणन कंपनी का है जिसकी 35.55 करोड़ रुपए की परिसंपत्तियां जब्त की गई हैं।
निदेशालय ने इस कंपनी के खिलाफ आंध्र प्रदेश पुलिस की एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है जिसने कंपनी को लेकर एक आरोप पत्र दायर किया था। इसमें कंपनी पर लोगों को शामिल कर और उन्हें उत्पाद किट देकर धन संचरण योजना (पोंजी) के परिचालन का आरोप लगाया था। इस तरह की गतिविधियां पुरस्कार, चिट और धन संचरण (प्रतिबंध) अधिनियम-1978 के तहत प्रतिबंधित हैं।
निदेशालय के अनुसार कंपनी निदेशकों ने लोगों को भारी कमीशन देने के वादे पर धन एकत्रित किया जो कि बिलकुल ‘असंभव’ है।
दूसरा मामला जयपुर की एक कंपनी का है। उसकी 29.45 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गर्ई है। कंपनी पर ओडिशा में एक पोंजी योजना चलाने का आरोप है।
निदेशालय ने इन संपत्तियों की जब्ती धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधान एवं अन्य कानूनों के तहत की है।