सेना की तैनाती पर विवाद उठाना राजनीतिक हताशा: पर्रिकर

Samachar Jagat | Friday, 02 Dec 2016 02:47:47 PM
Political debate on the deployment of the army to take the frustration by Parrikar

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पश्चिम बंगाल में टोल प्लाजों पर सेना की तैनाती पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी की ओर से उठाए गए सवाल को राजनीतिक हताशा करार देते हुए आज कहा कि इससे उन्हें हैरानी हुई है।

पर्रिकर ने तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों द्वारा आज लोकसभा में यह मुद्दा उठाए जाने पर जवाब देते हुए कहा कि सेना की मंशा पर शक करना और उसे बेवजह राजनीतिक विवाद में घसीटना उचित नहीं है। उन्होंने कहा ‘मुझे इस सदन को यह कहते दुख हो रहा है कि सेना के इस तरह के नियमित अभ्यास पर विवाद खड़ा किया जा रहा है। ये एक तरह की राजनीतिक हताशा है।’

रक्षा मंत्री ने बनर्जी का नाम लिए बगैर कहा कि एक राज्य की मुख्यमंत्री ने सेना के बारे जो भी कहा है वह दुखद है। पिछले कई वर्षों से इस तरह का अभ्यास जारी है। राज्य में पिछले साल 19 नवंबर को भी यह अभ्यास किया गया था। इस बार भी बाकी राज्यों के साथ सेना की पूर्वी कमान ने उत्तर पूर्व के कई राज्यों में इस तरह का अभ्यास चलाया है। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में भी ऐसा अभ्यास किया गया है। ये सारे अभ्यास शुरु किए जाने के पहले संबंधित राज्यों के प्रशासन और पुलिस को इसकी जानकारी दी गई थी। ऐसे में विवाद खड़ा करना और वह भी सेना को लेकर ऐसा करना सर्वथा अनुचित है।

पश्चिम बंगाल में ऐसी कार्रवाई के पहले राज्य सरकार को किसी तरह की जानकारी नहीं दिए जाने के आरापों पर श्री पर्रिकर ने कहा कि यह गलत है। राज्य की पुलिस को इसकी पूरी जानकारी थी। इस अभ्यास की वास्तविक तारीख 28-29-30 रखी गई थी लेकिन इस बीच 28 नवंबर को भारत बंद का ऐलान हो जाने के कारण पुलिस की सलाह के मुताबिक इसका समय बदल कर 1-2 दिसंबर कर दिया गया। पूरा अभियान पुलिस के साथ संयुक्त रूप से चलाया गया। 

इससे पहले लोकसभा में तृणमूल सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने सेना की तैनाती का मुद्दा उठाया था। बंदोपाध्याय ने कहा कि राज्य सरकार को बताया गया कि ये नियमित अभ्यास है , लेकिन इससे पहले सरकार से कोई अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं समझी गई। कोलकाता में मुख्यमंत्री सचिवालय से कुछ ही दूरी पर स्थित विद्यासागर टोल प्लाजा सहित पूरे राज्य में 19 स्थानों पर सेना को तैनात किया गया। 

यह गलत मंशा से की गई कार्रवाई थी। सेना जगह-जगह टोल वसूल रही है। उन्होंने रक्षा मंत्री से इस पर सफाई की मांग की। तृणमूल के साथ ही कई और विपक्षी सदस्यों ने भी इस मसले पर आज सदन में काफी हंगामा किया।       -एजेंसी



 

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