नई दिल्ली। पायलटों के एक संगठन ने उड्डयन नियामक (डीजीसीए) को पत्र लिखकर नौकरी छोडऩे की नोटिस अवधि बढ़ाने संबंधी अपने मसौदा नियमों को वापस लेने की मांग की है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय डीजीसीए ने गत महीने कमांडरों के मामले में नौकरी छोडऩे के लिए एक वर्ष की नोटिस अवधि और फस्र्ट आफिसर के मामले में छह महीने की नोटिस अवधि अनिवार्य कर दी थी।
वर्तमान में पायलटों को नौकरी छोडऩे के लिए छह महीने का नोटिस देना होता है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने डीजीसीए के संयुक्त महानिदेशक ललित गुप्ता को एक पत्र लिखा है और कहा है कि नोटिस अवधि एक प्रशासनिक और मानव संसाधन कार्य है और इसलिए यह एक पायलट या उसके एयरलाइन के बीच का मामला है।
पत्र मेें कहा गया है कि उड्डयन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी माहौल के चलते अक्सर एयरलाइन कंपनियों को वित्तीय दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इसके कारण पायलटों को बेहतर अवसरों की तलाश के लिए बाध्य होना पड़ता है लेकिन प्रस्तावित नियम पायलटों को किसी एयरलाइन कंपनी से ‘‘बांध’’ देंगे।