पेट्रोल-डीजल, बीमा पॉलिसी, रेल टिकट के लिए कार्ड, ऑनलाइन भुगतान पर मिलेगी छूट

Samachar Jagat | Friday, 09 Dec 2016 02:55:35 AM
Petrol, railway tickets, insurance policies to cost less if purchased via Digitally says Jaitley

नई दिल्ली। डेबिट, क्रेडिट कार्ड अथवा ऐसे ही किसी अन्य डिजिटल तरीके से आप यदि पेट्रोल, डीजल खरीदते हैं, बीमा पॉलिसी का भुगतान करते हैं या फिर रेलवे टिकट लेते हैं तो आपको कुछ छूट दी जाएगी।

सरकार ने 2,000 रुपए तक का भुगतान कार्ड के जरिए करने पर सेवाकर समाप्त कर दिया है। इसी प्रकार पेट्रोल, डीजल खरीदने पर भुगतान यदि क्रेडिट, डेबिट कार्ड, ई-वॉलेट अथवा मोबाइल वॉलेट से किया जाता है तो 0.75 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नकदीरहित आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को कई प्रकार की खरीद फरोखत में डिजिटल भुगतान करने पर रियायत और सेवा कर में छूट के सरकार के 11 निर्णयों के बारे में जानकारी दी।

पेट्रोल-डीजल पर .75 प्रतिशत छूट
पेट्रोल, डीजल पर डिजिटल भुगतान करने पर तेल कंपनियां 0.75 प्रतिशत छूट देंगी। इस लिहाज से दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल पर 49 पैसे और डीजल खरीदने पर 41 पैसे प्रति लीटर की छूट मिलेगी। दिल्ली में इस समय पेट्रोल 66.10 रुपए और डीजल 54.57 रुपए लीटर है।

पॉलिसी प्रीमियम पर 10 प्रतिशत की छूट
सार्वजनिक कंपनियों की वेबसाइट से जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने या प्रीमियम भुगतान ऑनलाइन करने पर 8 प्रतिशत छूट दी जाएगी। इसी प्रकार साधारण बीमा पॉलिसी लेने या फिर प्रीमियम भुगतान ऑनलाइन करने पर 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

रेल: 0.5 प्रतिशत छूट व 10 लाख की बीमा
वित्त मंत्री जेटली ने डिजिटल तरीके से भुगतान को बढ़ावा देने के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि उपनगरीय रेलवे यात्रा का मासिक अथवा सीजन टिकट खरीदने पर एक जनवरी से 0.5 प्रतिशत रियायत दी

रेल यात्रा का टिकट ऑनलाइन खरीदने पर 10 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा दिया जाएगा। जो लोग रेलवे कैटरिंग, ठहरने के स्थान, विश्रामगृह के लिए भुगतान डिजिटल तरीकों से करेंगे उन्हें उसमें पांच प्रतिशत छूट मिलेगी।

जेटली ने कहा कि सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों के साथ सार्वजनिक लेनदेन में डिजिटल तरीकों से भुगतान करने पर लेनदेन शुल्क और एमडीआर शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस तरह की रियायतों पर आने वाली लागत के सवाल पर जेटली ने कहा कि इनमें से ज्यादातर रियायतों का बोझ वही संगठन उठाएंगे, क्योंकि ज्यादातर रियायतों की पेशकश केन्द्र सरकार की संस्थाओं अथवा सार्वजनिक उपक्रमों ने की है।

एक अन्य अहम् फैसले के मुताबिक 2,000 रुपए तक की खरीदारी में क्रेडिट, डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर सेवाकर नहीं लिया जाएगा।

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात को सुगम बनानपे के लिए टोल भुगतान के वास्ते आरएफआईडी टैग खरीदने के लिए डिजिटल भुगतान पर 10 प्रतिशत छूट दी जाएगी।

सरकार ने कालेधन को निकाल बाहर करने के लिए 500 और 1,000 रुपए का पुराना नोट बंद कर दिया जिसके बाद अर्थव्यवस्था में नकदी की भारी तंगी आ गई है। इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार डिजिटल भुगतान को तेजी से बढ़ावा दे रही है।

जेटली ने कहा कि हम लोग जरूरत से ज्यादा लेनदेन नकदी में करते रहे हैं। आठ नवंबर की स्थिति के मुताबिक बहुत ही कम भुगतान डिजिटल तरीके से किया जाता रहा है। नकदी में लेनदेन पर लागत आती है जिसकी कीमत अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है, इसका राजनीतिक तंख को भी खामियाजा भुगतना पड़ता है।

वित्त मंत्री ने कहा कि 2,000 रुपए से कम के लेनदेन पर सेवाकर छूट देने का राजस्व पर असर पड़ेगा क्योंकि वर्तमान में 70 प्रतिशत से अधिक लेनदेन इससे कम राशि में ही होता है।

निजी क्षेत्र की सेवाओं में भी रियायत दी जाएगी? इस सवाल पर जेटली ने कहा कि यह सार्वजनिक उपक्रमों ने निर्णय लिया है। निजी क्षेत्र को प्रतिस्पर्धा के इस दौर पर खुद फैसला लेना है। वह महंगा पेट्रोल, डीजल बेचने के लिए स्वतंत्र हैं।

उपनगरीय रेलगाडिय़ों के मासिक और सीजन टिकट पर छूट नए साल पर शुरू होगी। मुंबई में दैनिक यात्रियों को इससे अधिकतम 10 रुपए की छूट मिलेगी।
उपनगरीय रेलों में करीब 80 लाख यात्री सीजन या मासिक टिकट पर यात्रा करते हैं और वे इसकी खरीद पर सालाना 2,000 करोड़ रुपए खर्च करते हैं। इसका ज्यादातर भुगतान नकद होता है। जेटली को उम्मीद है कि डिजिटल खरीद का चलन बढने से निकट भविष्य में यह नकद भुगतान घट कर 1,000 करोड़ रुपए पर आ जाएगा।

जेटली ने कहा कि देश भर में पेट्रोल पंपों पर करीब साढे चार करोड़ ग्राहक 1,800 करोड़ रुपए के डीजल पेट्रोल की खरीद करते हैं। इसका केवल 20 प्रतिशत भुगतान कार्ड से किया जाता था। पिछले एक महीने में डिजिटल भुगतान का अनुपात बढ़ कर 40 प्रतिशत हो गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि पेट्रोलपंपों पर कार्ड या ई-वॉलेटमोबाइल से होने वाला भुगतान 70 प्रतिशत तक पहुंच जाए। इससे वर्ष में नकद भुगतान में 2 लाख करोड़ रुपए की कमी आएगी।

उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों को सलाह दी गई है कि दुकानदारों पर प्वाइंट-ऑफ-सेल टर्मिनल माइक्रो एटीएम मोबाइल पीएसओ का मासिक किराए का बोझ 100 से महीने से ज्यादा न पड़े। इसका उद्देश्य डिजिटल भुगतान व्यवस्था का विस्तार करना है। इससे सरकारी बैंकों की ओर से आपूर्ति की गई 6.5 लाख मशीनें लगानेवालों को फायदा होगा।

जेटली ने कहा कि नाबार्ड पात्र बैंकों को 10-10 हजार से कम की आबादी वाले एक लाख गंावों में दो दो पीओएस मशीनों की सुविधा का विस्तार करने के लिए वित्तीय मदद देगा। ये मशीनें प्राथमिक सहकारी समितियों, दुग्ध समितियों, कृषि साधन बिक्रेताओं को दी जाएंगी ताकि उनके माध्यम से खेती बाड़ी से संबंधित लेन देन किया जा सके।

यह पहल करीब 75 प्रतिशत आबादी की पहुंच में होगी और इसके माध्यम से ग्रामीण किसान नकदी रहित लेन देन कर सकेंगे। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने डिजिटल भुगतान के प्रोत्साहन के इन निर्णयों को पास पलटने वाली पहल बताया।

इस पैकेज के तहत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंक किसान के्रेडिट कार्डधारकों को ‘रपे किसान कार्ड’ जारी करेंगे। ऐसे कार्डधारकों की संख्या इस समय 4.32 करोड़ है। वे इन काडो’ से गावों में पीओएस और माइक्रो एटीएम मशीनों के जरिए लेन देन कर सकेंगे।

जेटली ने कहा कि इस समय रोज 14 लाख रेल टिकटों की खरीद की जाती है। इनमें से 58 प्रतिशत ऑन लाइन खरीदे जाते हैं। छूट के बाद डिजिटल माध्यम से रेल टिकट खरीदने वालों का अनुपात 20 प्रतिशत और ऊंचा होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि इससे करीब 11 लाख यात्री प्रति दिन दुर्घटना बीमा योजना के संरक्षण में आएंगे। इसके अलावा रेलवे की कैटरिंग, ठहरने और विश्राम करने की भुगतान आधारित सेवाओं के लिए डिजिटल भुगतान करने पर पांच प्रतिशत रियायत मिलेगी।



 

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