नई दिल्ली। ब्रोकरेज कंपनियों का मानना है कि सरकार ने केजी बेसिन क्षेत्र में ओएनजीसी के परियोजना क्षेत्र की गैस को निकालने के मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 1.55 अरब डॉलर का जो जुर्माना लगाया है, वह ‘बहुत ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर’ लगाया गया है।
फर्म सिटी रिसर्च ने कहा कि यह जुर्माना ज्यादा से ज्यादा शुद्ध परिचालन लाभ के ईबीआईटी बराबर होना चाहिए जो करीब 1,600 करोड़ रुपए 0.25 अरब डॉलर बनता है।
एक अन्य फर्म एचएसबीसी ने कहा कि सरकार का निर्णय वाणिज्यिक रूप से उचित नहीं है। समय के हिसाब से पैसे का मूल्य और खर्च का मौजूदा दर पर मूल्य, दोनों की तुलना करें तो कंपनी किसी तरह के अप्रत्याशित लाभ की स्थिति में नहीं है।