केवल मौजूदा साल के कारोबार में वृद्धि देखकर ही पुराने मामले नहीं खोले जायें: सीबीडीटी

Samachar Jagat | Saturday, 10 Dec 2016 02:26:44 PM
Only growth in the current year should see the same old case has not CBDT

नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सीबीडीटी ने करदाताओं को आश्वस्त किया है कि उनके खिलाफ पुराने मामलों को ‘केवल’ इस आधार पर नहीं खोला जाएगा कि नोटबंदी के बाद चालू वित्त वर्ष में उनका कारोबार अचानक बढ़ गया।

बोर्ड ने इस बारे में करदाताओं की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए स्थिति स्पष्ट की है। ऐसी आशंकाएं जताई गई हैं कि ‘मौजूदा वित्त वर्ष में कारोबार बढऩे से पिछले साल के कम कारोबार वाले मामले फिर से खोले जा सकते हैं।’

बोर्ड ने एक बयान में कहा है, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि आयकर कानून की धारा 147 के तहत मामलों को पुन तभी खोला जाएगा जबकि आकलन अधिकारी एओ के पास यह मानने का उचित कारण होगा कि किसी आकलन वर्ष के लिए कराधान योग्य आय को छुपाया गया।’ बोर्ड के मुताबिक केवल संदेह के आधार पर पुराने मामलों को नहीं खोला जाएगा। 

बोर्ड ने कहा, ‘डिजिटल तरीके अथवा किसी अन्य तरीके से भुगतान के कारण किसी एक वर्ष में कारोबार में वृद्धि ही इस बात का विश्वास करने का एकमात्र कारण नहीं हो सकता कि पिछले वर्षों के दौरान आय को छुपाया गया है।’’ सीबीडीटी ने कहा है कि उसके इस निर्देश को सभी आकलन अधिकारियों के लिये ‘‘और सख्ती के साथ अनुपालन के लिये ध्यान में लाया जाये।’ 



 

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