नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) तथा जोखिम में फँसी अन्य परिसंपत्तियों का बोझ कम करने के लिए एक ‘वॉर रूम’ बनाया है जो सीधे बैंक के कॉर्पोरेट कार्यालय से संचालित किया जा रहा है।
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बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ऊषा अनंत सुब्रमण्यम ने बताया कि क्रेडिट तथा वसूली विभाग मिलकर वॉर रूम के जरिये जोखिम में फँसी परिसंपत्तियों की वसूली के उपाय निकाल रहे हैं जिसके सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष की 30 जून को समाप्त पहली तिमाही में 6,000 करोड़ रुपये की वसूली की गयी थी तथा दूसरी तिमाही में 4,800 करोड़ रुपये की वसूली हुयी है। इस प्रकार अब तक कुल 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली हो चुकी है तथा उम्मीद है कि वित्त वर्ष के शेष छह महीने में भी 10,000 करोड़ रुपये की वसूली हो सकेगी। उन्होंने बताया कि पहली दो तिमाहियों के दौरान हुई वसूली में 1,527 करोड़ रुपये के एनपीए की वसूली भी शामिल है।
सुश्री सुब्रमण्यम् ने कहा कि रिजर्व बैंक ने बैंकों के बही खातों को साफ-सुथरा बनाने के लिए पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही से जो अभियान शुरू किया था उसके तहत तीन चरण थे। इनमें जोखिम में फँसी परिसंपत्ति की पहचान तथा उसके लिए प्रावधान का काम पूरा हो चुका है। अब समाधान का चरण चल रहा है। उन्होंने कहा धीमे-धीमे ही सही, निश्चित तौर पर परिसंपत्ति की गुणवत्ता सुधारने के काम में हम सकारात्मक दिशा में बढ़ रहे हैं।
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उन्होंने बताया कि साल दर साल आधार पर भले अभी परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार नहीं दिख रहा है, लेकिन तिमाही दर तिमाही आधार पर सुधार दिखने लगा है। आने वाली तिमाहियों से यह साल दर साल आधार पर भी दिखना शुरू हो जायेगा। उन्होंने बताया कि इस साल जून के अंत में जोखिम में फँसी परिसंपत्ति का प्रतिशत 18.34 था जो सितंबर के अंत में घटकर 18 प्रतिशत रह गया है। इस दौरान एनपीए में भी कमी आयी है। पहली तिमाही में सकल एनपीए 13.75 प्रतिशय था जो घटकर दूसरी तिमाही में 13.63 प्रतिशत रह गया है। शुद्ध एनपीए 9.16 प्रतिशत यानी 35,728.52 करोड़ रुपये से घटकर 9.10 प्रतिशत यानी 35,722.32 करोड़ रुपये पर आ गया है।
सुश्री सुब्रमण्यम ने कहा कि वॉर रूम से फील्ड में काम करने वाले लोगों को जोखिम में फँसे खातों की पहचान में मदद मिली है। उन्होंने कहा हम जोखिम फँसी परिसंपत्ति में आ रही गिरावट को क्रमबद्ध तरीके से और आगे बढ़ाना चाहेंगे।