नई दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य रमेश चन्द ने कहा है कि केन् सरकार के नोटबंदी अभियान का रबी बुवाई पर और धान, सोयाबीन और मक्का जैसी फसलों की कीमतों पर कोई असर नहीं हुआ है।
चन्द ने ‘‘नोटबंदी के बाद कृषि विकास’’ शीर्षक वाले शोध पत्र में लिखा है कि बुवाई किए गए अनुमानित रकबे का अनुमान कृषि मंत्रालय द्वारा सप्ताह में हर शुक्रवारको दिया जाता है। आंकड़े दर्शाते हैं कि 11 नवंबर तक रबी की बुवाई 1.46 करोड़ हेक्टेयर में की जा चुकी थी जो सामान्य से 5.7 प्रतिशत कम है।
उन्होंने लिखा है कि इस वर्ष बुवाई किए गए रकबे और सामान्य रकबे औसत रकबा का अंतर नोटबंदी की घोषणा के बाद से हर सप्ताह निंरतर घटा है। 30 दिसंबर 2016 को समाप्त सप्ताह के दौरान रबी फसल की कुल बुवाई का रकबा सामान्य अथवा औसत रकबे से 2.77 प्रतिशत बढ़ गया तथा पिछले वर्ष के बुवाई के रकबे के मुकाबले 6.86 प्रतिशत बढ़ गया।
इसमें आगे कहा गया है कि सामान्य तौर पर रबी बुवाई 30 दिसंबर तक 88 प्रतिशत रकबे में पूरी हो जाती है लेकिन इस वर्ष यह बुवाई 91 प्रतिशत से अधिक रकबे में पूरी हो चुकी है।
पत्र में आगे कहा गया है कि नवंबर के महीने में नोटबंदी का धान, सोयाबीन और मक्का जैसी प्रमुख फसलों पर कोई असर नहीं देखा गया।